चंडीगढ़ : जंगली जानवरों या पालतू पशुओं के कारण होने वाले हादसे में अब पीड़ित या उनका परिवार मुआवजे का हकदार होगा। मुआवजा निर्धारित करने के लिए हाईकोर्ट ने हरियाणा, पंजाब व चंडीगढ़ को समिति गठित करने का निर्देश दिया है। गाय, बैल, सांड, गधे, कुत्ते, नीलगाय, भैंस व जंगली व पालतू पशु इसमें शामिल होंगे।
लावारिश पशुओं व जंगली जानवरों के कारण हुई दुर्घटनाओं में मुआवजे के लिए हाईकोर्ट में बहुत सी याचिकाएं विचाराधीन थी। इन याचिकाओं पर अपना फैसला सुनाते हुए हाईकोर्ट ने कहा कि दुर्घटनाओं के कारण हुए नुकसान की भरपाई के लिए मुआवजा बेहद जरूरी है। राज्य सरकार की जिम्मेदारी बनती है कि पीड़ितों को त्वरित मुआवजे का भुगतान हो। इसके लिए प्रत्येक जिले में समिति बनाए जाए जो मुआवजे का निर्धारण करे। हाईकोर्ट के आदेश अनुसार समिति में अध्यक्ष जिले के डीसी होंगे और सदस्यों के रूप में एसपी/डीएसपी (यातायात), एसडीएम, जिला परिवहन अधिकारी और मुख्य चिकित्सा अधिकारी शामिल होंगे। मुआवजा तय करने के बाद इसकी प्रति प्रधान सचिव/सचिव या एनएचएआई के मामले में परियोजना निदेशक के माध्यम से संबंधित विभागों को भेजी जाएगी। संबंधित विभाग तय किए गए मुआवजे का भुगतान सुनिश्चित करने के लिए उत्तरदायी होंगे।
हाईकोर्ट ने यह भी स्पष्ट किया कि अगर हादसे को लेकर मामला न्यायालय में लंबित है तो भी तय समय मे मुआवजा देना होगा। हाईकोर्ट ने आदेश की प्रति हरियाणा व पंजाब के गृह विभाग के प्रमुख सचिव, डीजीपी यूटी चंडीगढ़ को आवश्यक और त्वरित अनुपालन के लिए भेजने का आदेश दिया है।
राज्य सरकार की जिम्मेदारी : जंगली जानवरों या पालतू पशुओं के कारण होने वाले हादसे में अब पीड़ित या उनका परिवार मुआवजे का हकदार
Nov 09, 2023