नई दिल्ली। महाराष्ट्र में जिस तरह से कांग्रेस की अगुवाई वाली महाविकास अघाड़ी को बुरी हार का सामना करना पड़ा उसके बाद कांग्रेस के भीतर आखिरकार आत्मचिंतन शुरू हो गया है। शुक्रवार को दिल्ली में कांग्रेस पार्टी कार्य समिति की बैठक हुई, जिसमे पार्टी के अध्यक्ष मल्लिकार्जुन खड़गे, राहुल गांधी सहित कई वरिष्ठ नेता शामिल हुए। बैठक के दौरान खड़गे ने स्पष्ट तौर पर कहा कि हार की जवाबदेही तय की जाएगी और सख्त फैसले लिए जाएंगे।
बैठक के दौरान मल्लिकार्जुन खड़गे ने कहा कि हमें अनुशासन का सख्ती से पालन करना होगा। किसी भी पार्टी के भीतर यह सबसे बड़ा हथियार है। महाराष्ट्र चुनाव को लेकर उन्होंने कहा कि छह महीने से चुनाव का माहौल हमारे पक्ष में था, लेकिन सिर्फ माहौल से जीत की गारंटी नहीं मिलती। हमें माहौल को चुनाव नतीजों में बदलना सीखना होगा।
ईवीएम को लेकर देशव्यापी आंदोलन : बैठक में मल्लिकार्जुन खड़गे ने ईवीएम पर भी सवाल खड़ा किया। उन्होंने कहा कि पूरी चुनाव प्रक्रिया की अखंडता के साथ गंभीर रूप से समझौता किया जा रहा है। कांग्रेस पार्टी इसक खिलाफ जल्द ही देशव्यापी अभियान शुरू करेगी। उन्होंने कहा कि निष्पक्ष चुनाव कराना चुनाव आयोग की संवैधानिक जिम्मेदारी है।
गौर करने वाली बात है कि हरियाणा और महाराष्ट्र चुनाव में कांग्रेस पार्टी के कई नेताओं ने ईवीएम में गड़बड़ी और चुनाव प्रक्रिया में अनियमितता की बात कही थी।
जवाबदेही तय होगी : इसके साथ ही मल्लिकार्जुन खड़गे ने स्पष्ट तौर पर बैठक में कहा कि चुनाव में हार के बाद कठोर फैसले लिए जाएंगे और हमें जवाबदेयी तय करनी होगी। हमें चुनाव में हार से सबक लेना होगा। इसके साथ ही उन्होंने कहा कि हम आखिर कबतक विधानसभा चुनाव में राष्ट्रीय नेताओं और राष्ट्रीय मुद्दों पर निर्भर रहेंगे।
एक्शन लीजिए खड़गे जी : बता दें कि शुक्रवार को हुई इस बैठक में तकरीबन 81 नेताओं ने हिस्सा लिया। यह बैठक तकरीबन चार घंटे तक चली। बैठक में राहुल गांधी ने भी सख्त तेवर दिखाते हुए मल्लिकार्जुन खड़गे से कहा कि कार्रवाही करने का समय आ गया है। चुनाव में निराशाजनक प्रदर्शन पर राहुल ने खड़गे से कहा कि हमें सख्ती से काम लेना होगा। बैठक में राहुल गांधी ने कहा कि खड़गे जी एक्शन लीजिए।
आपसी कलह, एकता की कमी : पार्टी के भीतर आपसी कलह पर भी खड़गे ने नेताओं को दो टूक कहा। उन्होंने कहा कि हमारे भीतर आपसी एकता की कमी है। एक दूसरे के खिलाफ बयानबाजी हमें नुकसान पहुंचाती है। हम जबतक एक होकर चुनाव नहीं लडेंगे, आपसी टकराव नहीं खत्म करेंगे, चुनाव में विरोधियों को टक्कर नहीं दे पाएंगे।
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