राहुल गांधी ने शुक्रवार को रायबरेली सीट नामाकंन कर दिया दाखिल : अमेठी सीट से गांधी परिवार के खास केएल शर्मा को दिया गया टिकट

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रायबरेली :  कांग्रेस नेता राहुल गांधी ने शुक्रवार को रायबरेली सीट नामाकंन दाखिल कर दिया। इसके साथ ही लंबे समय से रायबरेली और अमेठी को लेकर चला आ रहा सस्पेंस खत्म हो गया। जहां रायबरेली से खुद राहुल गांधी मैदान में हैं। वहीं अमेठी सीट से गांधी परिवार के खास केएल शर्मा को टिकट दिया गया है।

राहुल गांधी के अमेठी से चुनाव ना लड़ने को लेकर कई सवाल उठ रहे हैं। सत्तारूढ़ पीएम मोदी समेत कई बीजेपी नेताओं ने भी कई सवाल उठाए हैं। अब कांग्रेस नेता सुप्रिया श्रीनेत ने राहुल गांधी के रायबरेली से लड़ने के पीछे की रणनीति समझायी है।कांग्रेस नेता सुप्रिया श्रीनेत ने सोशल मीडिया सामने आकर एक बड़ा हिंट भी दिया है। सुप्रिया श्रीनेत ने कहा है कि जबसे राहुल जी की रायबरेली से लड़ने की खबर आयी है, हर ओर से खूब सारी टिप्पणियों की भरमार है। भूलिए मत, राहुल जी शतरंज के माहिर खिलाड़ी हैं। उनकी एक ही चाल से BJP और उनके चरण चुंबकों को मूर्छा आ गई है।

                                         सुप्रिया ने बिंदुबार आगे लिखते हुए कहा कि, रायबरेली सिर्फ़ सोनिया जी की नहीं, ख़ुद इंदिरा गांधी जी की सीट रही है। यह विरासत नहीं ज़िम्मेदारी है, कर्तव्य है। रही बात गांधी परिवार के गढ़ की, तो अमेठी-रायबरेली ही नहीं, उत्तर से दक्षिण तक पूरा देश गांधी परिवार का गढ़ है। राहुल गांधी तो तीन बार उत्तरप्रदेश से और एक बार केरल से सांसद बन गये, लेकिन मोदी जी विंध्याचल से नीचे जाकर चुनाव लड़ने की हिम्मत क्यों नहीं जुटा पाये?

उन्होंने कहा कि, एक बात और साफ है कि कांग्रेस परिवार लाखों कार्यकर्ताओं की अपेक्षाओं उनकी आकांक्षाओं का परिवार है। कांग्रेस का एक साधारण कार्यकर्ता ही बड़े बड़ों पर भारी है। कल एक मूर्धन्य पत्रकार अमेठी के किसी कार्यकर्ता से व्यंग में कह रही थी कि “आप लोगों का नंबर कब आएगा टिकट मिलने का”? लीजिए, आ गया! प्रियंका जी धुआँधार प्रचार कर रही हैं और अकेली नरेंद्र मोदी पर भारी पड़ रही हैं। इसको देखते हुए ज़रूरी था कि उन्हें सिर्फ़ अपने चुनाव तक सीमित ना रखा जाए। प्रियंका जी तो कोई भी उपचुनाव लड़कर सदन पहुँच जायेंगी। कांग्रेस नेत्री ने आगे कहा कि, आज स्मृति ईरानी की सिर्फ़ यही पहचान है कि वो राहुल गांधी के ख़िलाफ़ अमेठी से चुनाव लड़ती हैं। अब स्मृति ईरानी से वो शोहरत भी छिन गई। अब बजाय व्यर्थ की बयानबाज़ी के, स्मृति ईरानी स्थानीय विकास के बारे में जवाब दें, जो बंद किए अस्पताल, स्टील प्लांट और IIIT हैं – उसपर जवाब देना होगा। शतरंज की कुछ चालें बाक़ी हैं, थोड़ा इंतज़ार कीजिए।

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