जालंधर : कांग्रेस के पूर्व विधायक सुशील रिंकू ने आम आदमी पार्टी का दामन थामा तो कांग्रेस को झटके लगने के साथ ही जालंधर की सियासत बदल गई है। आम आदमी पार्टी लंबे समय से जालंधर में उपयुक्त उम्मीदवार की तलाश कर रही थी। अब पार्टी ने सुशील रिंकू पर दांव खेला है। रिंकू 2017 में पंजाब कांग्रेस पूर्व प्रधान मोहिंदर सिंह केपी की टिकट कटवाकर विधानसभा चुनाव जीता था। कांग्रेस ने उन्हें जालंधर पश्चिम से अपना प्रत्याशी बनाया था। 2022 तक वह कैप्टन अमरिंदर सिंह के नजदीकी बने रहे और उनकी सरकार में जमकर अपना सिक्का चलाया। रिंकू की नजदीकियां कपूरथला से विधायक व पूर्व मंत्री राणा गुरजीत सिंह से काफी हैं। कांग्रेस ने जालंधर लोकसभा उपचुनाव में राणा गुरजीत सिंह को प्रभारी बनाया है।
पंजाब विधानसभा चुनाव 2022 में शीतल अंगुराल ने आप की टिकट पर जालंधर पश्चिम विधानसभा सीट पर सुशील रिंकू को 4253 वोट से शिकस्त दी थी। हार के बाद कांग्रेस ने भी सुशील रिंकू से किनारा कर लिया था। जालंधर के सांसद चौधरी संतोख सिंह के निधन के बाद सुशील रिंकू को कांग्रेस की टिकट का प्रबल दावेदार माना जा रहा था लेकिन कांग्रेस ने चौधरी की पत्नी कर्मजीत कौर को टिकट देकर मैदान में उतारा। वरिष्ठ कांग्रेस नेता प्रताप बाजवा व पंजाब कांग्रेस प्रधान अमरिंदर सिंह राजा वड़िंग भी रिंकू के आवास पर पहुंचे थे। यहां कार्यकर्ताओं को संबोधित कर रिंकू की पीठ थपथपाई थी। लेकिन बुधवार को रिंकू ने कांग्रेस से अपना नाता तोड़ लिया।
अशोक मित्तल की रिंकू को आप में लाने में भूमिका अहम : सुशील रिंकू को आप में लाने में मुख्य भूमिका एलपीयू के चांसलर और आप के राज्यसभा सदस्य अशोक मित्तल ने अदा की। आप ने लगातार कई नेताओं का सर्वेक्षण करवाया था। इसमें पहला नाम मोहिंदर सिंह केपी का था। केपी जालंधर से लोकसभा सांसद रह चुके हैं। आप ने केपी को पार्टी में शामिल करवाने में पूरी ताकत झोंकी लेकिन केपी ने हामी नहीं भरी।
इसके बाद पार्टी ने अवतार सिंह करीमपुरी, पूर्व विधायक बलदेव खैहरा, बसपा नेता बलविंदर कुमार का सर्वेक्षण करवाया। इसमें सुशील रिंकू का नंबर काफी ऊपर आया। लिहाजा पार्टी ने अपना जोर रिंकू पर लगा दिया। पहले स्थानीय लीडरशिप को कमान सौंपी गई। पंजाब एग्रो एक्सपोर्ट कॉरपोरेशन के चेयरमैन मंगल सिंह बासी, आप स्टेट सचिव राजविंदर कौर थियाड़ा और विधायक बलकार सिंह को यह जिम्मेदारी सौंपी गई थी।
आम आदमी पार्टी के साथ रिंकू ने प्रथम चरण की बातचीत जालंधर में हुई तो स्थानीय लीडरशिप से किनारा कर लिया और फोन उठाना बंद कर दिया। पार्टी की लिस्ट में रिंकू का नाम सबसे ऊपर था। लिहाजा राज्यसभा सदस्य संदीप पाठक ने जिम्मेदारी एलपीयू के चांसलर राज्यसभा सांसद अशोक मित्तल को दी। अशोक मित्तल का पंजाब में गहरा प्रभाव है और उन्होंने रिंकू के साथ लगातार बैठके की और आप में शामिल होने पर राजी किया।
रिंकू ने आम आदमी पार्टी का दामन थामा तो कांग्रेस को लगा झटका
Apr 05, 2023