महिला एवं बाल विकास विभाग चम्बा कि ओर से भारतीय न्याय संहिता 2023 एक्ट के बारे में आईटीआई में आयोजित किया जागरूकता शिविर
एएम नाथ। चम्बा : एक जुलाई 2024 की तारीख से भारत में नए आपराधिक कानून लागू हो गए हैं। अंग्रेजों के जमाने के भारतीय दंड संहिता 1860, दंड प्रक्रिया संहिता,1973 और भारतीय साक्ष्य अधिनियम 1872 अब समाप्त हो गए हैं। अब इनकी जगह भारतीय न्याय संहिता, भारतीय नागरिक सुरक्षा संहिता और भारतीय साक्ष्य अधिनियम ने ले ली है। इन कानूनों से जुड़े विधेयक को बीते साल संसद के दोनों सदनों लोकसभा और राज्यसभा से पास करवाया गया था। इस कानून के लागू होने के बाद से कई धाराएं और सजा के प्रावधान आदि में बदलाव आया है। महिला एवं बाल विकास विभाग चम्बा कि ओर से सोमवार को आईटीआई चम्बा में भारतीय न्याय संहिता 2023 एक्ट के बारे में एक जागरूकता शिविर का आयोजन किया गया।

इस दौरान आईटीआई के प्रिंसिपल विपिन शर्मा द्वारा कार्यक्रम के बारे में विस्तार से जानकारी दी गई l मनोहर नाथ जिला मिशन समन्वयक ने बेटी बचाओ बेटी पढ़ाओ के बारे में विस्तार से जानकारी दी तथा महिलाओं से संबधित विभागीय योजनाओं के बारे में दी। उन्होंने कहा कि इन कानूनों को भारतीयों ने, भारतीयों के लिए और भारतीय संसद द्वारा बनाया गया है तथा यह औपनिवेशिक काल के न्यायिक कानूनों का खात्मा करते हैं। नये कानूनों के तहत आपराधिक मामलों में फैसला मुकदमा पूरा होने के 45 दिन के भीतर आएगा और पहली सुनवाई के 60 दिन के भीतर आरोप तय किए जाएंगे। ज्योति काशव जेंडर स्पेशलिस्ट ने महिलाओं के अधिकार के प्रति विस्तृत जानकारी दी। सखी वन स्टॉप सेंटर से दीक्षा केस वर्कर ने भारतीय न्याय सहिंता 2023 के प्रति तथा महिलाओं के प्रति कानूनी अधिकार और वन स्टॉप सेंटर में महिलाओं को दी जाने वाली सुविधाएं के बारे में विस्तार से जानकारी दी। उन्होंने बताया कि दुष्कर्म पीड़िताओं का बयान कोई महिला पुलिस अधिकारी उसके अभिभावक या रिश्तेदार की मौजूदगी में दर्ज करेगी और मेडिकल रिपोर्ट सात दिन के भीतर देनी होगी। कानूनों में संगठित अपराधों और आतंकवाद के कृत्यों को परिभाषित किया गया है, राजद्रोह की जगह देशद्रोह लाया गया है। इसके अलावा सभी जघन्य अपराधों के वारदात स्थल की अनिवार्य वीडियोग्राफी जैसे प्रावधान शामिल किए गए हैं। इसके अलावा मॉब लिंचिंग के मामले में फांसी की सजा का प्रावधान किया गया है। नए कानून में महिलाओं और बच्चों के खिलाफ अपराधों पर एक नया अध्याय जोड़ा गया है, किसी बच्चे को खरीदना और बेचना जघन्य अपराध बनाया गया है और किसी नाबालिग से सामूहिक दुष्कर्म के लिए मृत्युदंड या उम्रकैद का प्रावधान जोड़ा गया है। शादी का झूठा वादा करने, नाबालिग से दुष्कर्म, भीड़ द्वारा पीटकर हत्या करने, झपटमारी आदि मामले दर्ज किए जाते हैं लेकिन मौजूदा भारतीय दंड संहिता में ऐसी घटनाओं से निपटने के लिए कोई विशेष प्रावधान नहीं थे। उन्होंने बताया कि भारतीय न्याय संहिता में इनसे निपटने के लिए प्रावधान किये गए हैं। विकास शर्मा जिला समन्वयक पोषण अभियान ने उपस्थित छात्र-छात्राओं को मोटे अनाज के प्रयोग के महत्त्व के बारे में तथा एनीमिया की रोकथाम के बारे में विस्तार से जानकारी दी। शिविर में अध्यापक व अध्यापिकाओं के अलावा 150 छात्र-छात्राओं ने भाग लिया।