जांच में सामने आया खुलासा:
प्रारंभिक जांच में यह संकेत मिले हैं कि यह साजिश पाकिस्तान की खुफिया एजेंसी आईएसआई और उसके सहयोगी आतंकी संगठनों द्वारा रची गई थी। इसका उद्देश्य पंजाब में स्लीपर सेल नेटवर्क को पुनर्जीवित करना और राज्य में अस्थिरता फैलाना था।
कानूनी कार्रवाई: एसएसओसी अमृतसर द्वारा मामले में भारतीय दंड संहिता, विस्फोटक अधिनियम और गैरकानूनी गतिविधि रोकथाम अधिनियम (UAPA) सहित संबंधित धाराओं के तहत प्राथमिकी दर्ज कर ली गई है। आगे की जांच जारी है और यह पता लगाया जा रहा है कि बरामद विस्फोटकों का इस्तेमाल किन संभावित स्थानों पर किया जाना था।
पंजाब पुलिस ने दोहराया है कि वह राष्ट्रीय सुरक्षा को सर्वोपरि रखते हुए राज्य में आतंकी ढांचे और उसकी जड़ों को पूरी तरह समाप्त करने के लिए प्रतिबद्ध है। पंजाब पुलिस की ओर से जनता से भी अपील की गई है कि वे किसी भी संदिग्ध गतिविधि की सूचना तत्काल नजदीकी पुलिस थाने को दें।