एएम नाथ। लाहौल स्पीति : आम तौर पर माता-पिता का यही सपना रहता है कि जिस प्रोफेशन में काम कर रहे हैं, उसी में प्रोफेशन में उनके बच्चे भी आगे बढ़ें. यही सपना एचएएस अधिकारी प्रियंका के पिता प्रेम लाल का था, जो कि पेशे से डॉक्टर हैं। हालांकि, बेटी प्रियंका ने भी पिता के सपने को पूरा करने की कोशिश तो की, लेकिन कामयाबी नहीं मिली. अब बेटी ने जो सफलता हासिल की है, उससे पिता का सिर गर्व से और भी ऊंचा हो गया है. कहानी हिमाचल प्रदेश के लाहौल स्पीति जिले की बेटी प्रियंका की है. प्रियंका को जिले की पहली महिला एएचएस अधिकारी बनने का गौरव हासिल हुआ है।
लाहौल स्पीति की प्रियंका पहली महिला HAS अफसर : पिता बनाना चाहते थे डॉक्टर
दरअसल, प्रियंका ने हाल ही में घोषित हिमाचल प्रदेश प्रशासनिक सेवा परीक्षा पास कर ली है और उन्हें एचएएस रैंक मिला है. यानी वह एसडीएम के पद पर चयनित हुई हैं. मौजूदा समय में प्रियंका मंडी जिले के सराज में बीडीओ के पद पर अपनी सेवाएं दे रही हैं. वह पहले भी एचएसएस एग्जाम क्लीयर कर चुकी हैं. जानकारी के अनुसार, प्रियंका मूलतः लाहौल स्पीति जिला के शांशा गांव की रहने वाली हैं. प्रियंका की प्रारंभिक शिक्षा कुल्लू के भुंतर के सीनियर सकेंडरी स्कूल हुई. उसके बाद उन्होंने कुल्लू कॉलेज से ग्रेजुएशन किया और फिर चंडीगढ़ में पंजाब यूनिवर्सिटी से एमए जूलॉजी साइंस में की. इस दौरान प्रियंका ने अपने पिता के सपने को पूरा करने की कोशिश की लेकिन उसमें सफलता नहीं मिल सकी।
वर्ष 2018 में प्रियंका ने प्रशासनिक अधिकारी बनने की दिशा में अपने कदम आगे बढ़ाए और एचएएस- 2021 की परीक्षा पास करते हुए प्रियंका का चयन बीडीओ के पद पर लिए. लेकिन इसके बाद भी उन्होंने अपने लक्ष्य की प्राप्ति के प्रयास नहीं छोड़े. सरकारी सेवाओं के साथ-साथ एचएएस परीक्षा की तैयारी भी करती रही. हालांकि बीच में असफलता भी मिली लेकिन कभी निराश नहीं हुई और अब एचएएस अधिकारी बन गई हैं।
प्रियंका ने बताया कि अगर आज वह इस मुकाम पर पहुंच पाई हैं तो उसके पीछे परिवार का बहुत बड़ा सहयोग है. परिवार ने हर कदम पर स्पोर्ट किया. प्रियंका ने बताया कि अभी भविष्य में इससे आगे का कोई ऐसा लक्ष्य निर्धारित नहीं किया है जिसके बारे में अभी कुछ बोल सकूं, लेकिन भविष्य की परिस्थितियों के हिसाब से आगामी लक्ष्य को निर्धारित करके उस दिशा में आगे बढ़ने की सोची जा सकती है. उन्हें खुद मालूम नहीं था कि वे अपने जिला से पहली महिला एचएएस अधिकारी बनी हैं. इस बात का पता उन्हें अभी चला है और यह उनके लिए एक गर्वित क्षण है।