चंडीगढ़ : लोक सभा चुनावों के सीएम मान के 13 – 0 के प्लान को लगे झटके बाद हरतक में आ गई लग रही है। पंजाब के हर जिले में मुख्यमंत्री सहायता केंद्र या सीएम विंडो स्थापित करने की मुख्यमंत्री ने घोषणा कर दी है। मुख्यमंत्री सहायता केंद्र या सीएम विंडो में कोई व्यक्ति सीएम विंडो में अपनी शिकायत लेकर जाता है। जिला स्तर पर ही अगर उसकी हल होने वाले होगी, तो उसे तुरंत निपटाया जाएगा, अगर मिनीस्टरी से हल होने वाली होगी तो शाम तक वह केस सीएम डैशबोर्ड पर भेजा जाएगा। इस काम में आर्टिफिशियल इंटेलिजेंस की मदद ली जाएगी। अधिकारी, मार्शल और विधायक इस काम की मॉनिटरिंग खुद करेंगे। यह जानकारी सोमवार को सभी जिलों के डीसी से मीटिंग के बाद सीएम भगवंत मान ने दी।
उन्होंने साफ किया है कि अगर जिला स्तर पर कोई भी अफसर करप्शन करता है तो उसके लिए डीसी और एसएसपी जिम्मेदार होंगे। उसके बाद उसी आधार पर कार्रवाई होगी। वहीं, वह सरकारी आफिसों के काम काज पर एआई की मदद से नजर रखेंगे। गांवों में जाकर दूर करेंगे लोगों की दिक्कतें : सीएम ने बताया कि जब उन्होंने सरकार बनाई थी, तो उसी समय तय किया था कि सरकार गांवों से चलेगी। इसके लिए भी अब काम शुरू हो गया है। अब हर महीने के लिए रोस्टर बनेंगे। जिसके तहत चार पांच गांवों में एक जगह पर अफसर जाएंगे। इसके बाद वहां पर बैठकर वह लोगों की सारी शिकायतों को दूर करेंगे। मौके पर लोगों की पेंशन, आधार कार्ड, रजिस्ट्री व अन्य काम किए जाएंगे। कैंप बारे लोगों को जानकारी मिल पाए, इसके लिए गांवों के गुरुद्वारों से पहले एनाउसमेंट करवाई जाएगी। कैंप का समय तय किया जाएगा। वहीं, उसकी सारी वीडियो बनाई जाएगी। वह सीएम डैश बोर्ड पर आएगी। वहीं, कल सीएम सारे जिलों के एसएसपी से मीटिंग कर नशों के खिलाफ रणनीति बनाएंगे।
मुख्यमंत्री सहायता केंद्र जिला स्तर के दफ्तरों में बनेंगे : सीएम भगवंत मान ने बताया कि जिला या सब डिवीजन स्तर पर अपने कामों के लिए जाने वाले लोगों को परेशान नहीं होना पड़ेगा। उनकी सुविधा के लिए एयरपोर्ट की तर्ज पर स्वागत केंद्र या सहातया केंद्र स्थापित किए जाएंगे। लोगों को तुरंत वहां पर जाना होगा। इसके बाद वहां पर बैठे अधिकारी लोगों को गाइड करेंगे कि उनके काम कहां पर होंगे। उन्होंने कहा कि यह स्मार्ट प्रक्रिया है। इससे लोगों को सरकारी दफ्तरों में जाकर परेशानी नहीं उठानी पड़ेगी। सीएम भगवंत ने बताया कि 16 मार्च को लोकसभा चुनाव की आचार संहिता लग गई थी। इस वजह से विकास के काम रुक गए थे। भले ही वह स्कीम डोर-टू डोर गेहूं की सप्लाई हो या नौकरियां देने का मामला, शहीदों को सम्मान देने का मामला। अब सभी डीसी को स्कीमों को जल्दी से जल्दी शुरू करने की हिदायत दी गई है। उन्होंने बताया कि वह खुद तीन महीने पंजाब के प्रत्येक गांव तक आए। उनके पास कई सुझाव व शिकायतें आई, जिसे अब लागू किया जाएगा।
सीएम मान ने लोगों को कहा है कि वह सरकारी नौकरियों के लिए किसी को पैसे न दे। क्योंकि पंजाब में मेरिट के आधार पर नौकरियां दी जा रही हैं। उन्होंने भ्रष्टाचार रोकने के लिए मुख्यमंत्री एंटी करप्शन सेल खोला गया है। पिछले दिनों उन्होंने दो लोगों को पकड़ा है। जिन्होंने नौकरियां दिलाने के बहाने 102 लोगों को ठगा था। इन्होंने लोगों से 26 लाख ठगे थे। लेकिन किसी को कोई नौकरी नहीं दिलाई थी। अगर सीएम हेल्पलाइन पर अगर फोन करता है तो उनका नाम गुप्त रखा जाएगा।