वर्षों से लंबित मामलों का मौके पर ही किया गया निपटारा
होशियारपुर, 09 दिसंबर:
जिला कानूनी सेवाएं अथारिटी होशियारपुर की ओर से पंजाब स्टेट कानूनी सेवाएं अथारिटी एस.ए.एस नगर के दिशा निर्देशों पर आज जिले में वर्ष की चौथी राष्ट्रीय लोक अदालत का आयोजन किया गया। इस लोक अदालत में लोक अदालत में सिविल मामले, रेंट मामले, एम.ए.सी.टी, 138 नेगोशिएबल इंस्ट्रूमेंट एक्ट, फैमिली मैटर, लेबर मैटर्स, बैंक मामले, बिजली व पानी के बिल, ट्रैफिक चालान, कचहरी में पेंडिंग व प्री-लिटिगेटिव व अन्य मामलों का निपटारा करवाने संबंधी केस रखे गए।
यह लोक अदालत जिला एवं सत्र न्यायधीश-कम-चेयरमैन जिला कानूनी सेवाएं अथारिटी दिलबाग सिंह जौहल के नेतृत्व में लगाई गई है। इस लोक अदालत में कुल 27 बैंच बनाए गए, जिनमें से होशियारपुर ज्यूडिशियल कोर्टों के 11 बैंच, सब डिविजन दसूहा में 4 बैंच, मुकेरियां में 3, गढ़शंकर में 3 बैंच व रेवेन्यू कोर्टों के 6 बैंचों का गठन किया गया जिला होशियारपुर की लोक अदालत में 16712 केसों की सुनवाई हुई व 14241 केसों का मौके पर निपटारा किया गया। इसके अलावा कुल 16,90,19,879 रुपए के अवार्ड पास किए गए।
राष्ट्रीय लोक अदालत के दौरान अतिरिक्त जिला एवं सत्र न्यायधीश पलविंदर जीत कौर के बैंच के प्रयासों से नीलम देवी बनाए अश्वनी कुमार आदि मोटर एक्सीडेंट क्लेस केस जो कि अतिरिक्त जिला एवं सत्र न्यायधीश पुनीत मोहन शर्मा की अदालत में चलता था, जिसको नेशनल लोक अदालत बैंच नंबर 2 अतिरिक्त जिला एवं सत्र न्यायधीश पलविंदर जीत कौर की अदालत में मृतक सुनील कुमार शर्मा की दुर्घटना में मौत हो जाने के कारण पांच लाख रुपए के मुआवजे का अवार्ड पास किया गया और इसके अलावा प्रार्थी पूनम कौशल के सिविल केस का फैसला जूनियर डिविजन के जज चंदन हंस की ओर से 18 नवंबर को किया गया था, जिसमें अपना पक्ष पेश करने के लिे सिविल अपील अतिरिक्त जिला एवं सत्र न्यायधीश पलविंदर जीत कौर की अदालत में दायर की गई थी। इस अपील में बैंच के प्रयासों से राजीनामा के माध्यम से फैसला किया गया, इस अपील में दोनों पक्ष एक दूसरे के विरुद्ध भविष्य में कोई भी सिविल या क्रिमिनल केस न करने के लिए वचनबद्ध हैं।
राष्ट्रीय लोक अदालत के दौरान सी.जे.एम पुष्पा रानी के बैंच के प्रयासों से 8 वर्ष पुराना केस रजिंदर कुमार जैन व मैसर्ज किंगज फूड इनकार्पोरेशन होशियारपुर बनाम स्वामी स्वतंत्रता एंड अदर्ज, जिसमें सीनियर सिटीजन की ओर से 1,05,05,577 की रिकवरी का केस दायर किया गया था, जिसका निर्णय अदालत के प्रयासों से आपसी समझौते से राजीनामा करवा कर केस का निपटारा किया गया।
राष्ट्रीय लोक अदालत के बैंच नंबर 3 सिविल जज सीनियर डिविजन रुपिंदर सिंह की अदालत की ओर से केस दी होशियापुर सैंट्रल कोआप्रेटिव बैंक लिमिटेड बनाम सुखदेव सिंह का 138 एन.आई एक्ट केस में 3,45,000 रुपए का छह वर्ष पुराना रिकवरी केस था, जिसका दोनों पक्षों की सहमति से फैसला किया गया। इसके साथ ही एक और केस 138 एन.आई एक्ट, जिसकी रिकवरी 29 हजार रुपए थी, जो पांच साल पुराना था। इसका फैसला अदालत के प्रयासों से दोनों पक्षों के बीच सहमति के कारण किया गया।
राष्ट्रीय लोक अदालत बैंच नंबर 7 सिविल जज जूनियर डिविजन सिमरनदीप सिंह सोही की अदालत की ओर से स्टेट बैंक इंडिया बनाम फकीर चंद, जिसकी कुल रकम 17,08,007 रुपए थी, का फैसला दोनों पक्षों की सहमति से 7,35,000 रुपए में किया गया।
उपरोक्त के अलावा सब डिविजन स्तर पर मुकेरियां में लोक अदालत बैंच नंबर 2, सिविल जज जूनियर डिविजन रजिंदर सिंह तेजी की अदालत में रेनू डोगरा बनाम कुलदीप सिंह का 7 वर्ष पुराना एच.एम.ए केस के अलावा तीन अन्य शिकायतों के केसों का फैसला अदालत के प्रयासों से दोनों पक्षों की सहमति से किया गया।
राष्ट्रीय लोक अदालत के मौके पर पुलिस विभाग के कर्मचारियों की ओर से ट्रैफिक चालान भुगतान आए हुए व्यक्तियों के लिए स्पैशल डेस्क लगाए गए ताकि अदालतों में लगे हुए ट्रैफिक चालान आसानी से भुगते जा सकें।
राष्ट्रीय लोक अदालत के दौरान जिला एवं सत्र न्यायधीश दिलबाग सिंह जौहल, सी.जे.एम-कम- सचिव जिला कानूनी सेवाएं अथारिटी अपराजिता जोशी के अलावा जिला बार एसोसिएशन के अध्यक्ष एडवोकेट आर.पी धीर ने सभी अदालत बैंचों का दौरा किया। इस लोक अदालत को अच्छे तरीके से चलाने के लिए बार एसोसिएशन के अध्यक्ष आर.पी धीर की ओर से अपना पूरा सहयोग दिया गया।
सचिव जिला कानूनी सेवाएं अथारिटी ने लोगों को अपील की कि लोक अदालतों में केस लगाकर अधिक से अधिक लाभ लें क्योंकि इसके साथ धन व समय की बचत होती है। लोक अदालत में हुए फैसले अंतिम होते हैं और लोक अदालत में हुए फैसले के खिलाफ कोई भी अपील नहीं होती, इसके साथ दोनों पक्षों के बीच प्यार बढ़ता है।
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