होशियारपुर/दलजीत अजनोहा : जिला विधिक सेवाएँ प्राधिकरण द्वारा, पंजाब राज्य विधिक सेवाएँ प्राधिकरण एस.ए.एस. नगर के दिशा-निर्देशों अनुसार, 13 सितंबर 2025 को जिले में इस वर्ष की तीसरी राष्ट्रीय लोक अदालत आयोजित की जाएगी।
इस संबंध में जानकारी देते हुए जिला एवं सत्र न्यायाधीश-कम-अध्यक्ष, जिला विधिक सेवाएँ प्राधिकरण राजिंदर अग्रवाल ने बताया कि इस लोक अदालत में धारा 138 के अंतर्गत एन.आई. एक्ट के मामले, लंबित एवं प्री-लिटिगेशन बैंक रिकवरी केस, श्रम विवाद, एम.ए.सी.टी. केस, बिजली एवं पानी के बिल (गैर-कंपाउंडेबल को छोड़कर), वैवाहिक विवाद, ट्रैफिक चालान, राजस्व केस, अन्य सिविल तथा कम गंभीर आपराधिक मामले, कंपाउंडेबल केस और घरेलू झगड़ों से जुड़े मामले सुनवाई हेतु रखे जाएंगे।
उन्होंने बताया कि अधिक से अधिक मामलों का निपटारा सुनिश्चित करने के लिए न्यायिक अधिकारियों द्वारा विभिन्न अदालतों में प्री-लोक अदालतें लगाई जा रही हैं, ताकि जिन लोगों के केस अदालतों में लंबित हैं, वे लोक अदालत का लाभ प्राप्त कर सकें।
उन्होंने उदाहरण देते हुए बताया कि जिला एवं सत्र न्यायालय में 2017-18 से लंबित अपीलों में, जिन विवादों की शुरुआत वर्ष 2009-10 से विभिन्न अदालतों में थी, उनका निपटारा भी आपसी सहमति से किया गया। इस तरह दोनों पक्षों ने स्वयं को विजेता मानते हुए खुशी-खुशी विवाद समाप्त किया। इसी तरह होशियारपुर जिले की अन्य अदालतें भी प्री-लोक अदालतों के माध्यम से राजीनामे द्वारा झगड़े खत्म करने का प्रयास कर रही हैं।
जिला न्यायाधीश ने आम जनता से अपील की कि जिन पक्षों के दीवानी मुकदमे या आपराधिक कंपाउंडेबल केस अदालतों में लंबित हैं, वे संबंधित अदालत में आवेदन देकर अपने मामले प्री-लोक अदालत या राष्ट्रीय लोक अदालत में लगवा सकते हैं और आपसी सहमति से विवाद का निपटारा करा सकते हैं।
सी.जे.एम.-कम-सचिव, जिला विधिक सेवाएँ प्राधिकरण नीरज गोयल ने लोगों से अपील की कि वे लोक अदालतों का अधिक से अधिक लाभ लें, क्योंकि इससे समय और धन दोनों की बचत होती है। लोक अदालत में हुए फैसले अंतिम होते हैं और इनके विरुद्ध कोई अपील नहीं होती, जिससे दोनों पक्षों में आपसी प्रेम बढ़ता है।
इसके अलावा, कोई भी व्यक्ति अपनी घरेलू समस्या, जिसका केस अदालत में लंबित न हो, का समाधान करवाने के लिए जिला एवं सत्र न्यायालय परिसर, होशियारपुर के मध्यस्थता एवं सुलह केंद्र (कमरा नंबर 58) में आवेदन दे सकता है। वहाँ दोनों पक्षों को बुलाकर आपसी सहमति से विवाद का निपटारा करवाया जाएगा।