विदेश में कार्य कर रहे युवाओं का सुरक्षा सुनिश्चित करने को तंत्र होगा विकसित
एएम नाथ। धर्मशाला, नगरोटा बगबां 24 अक्तूबर। पर्यटन निगम के अध्यक्ष कैबिनेट रैंक आरएस बाली ने कहा कि हिमाचल प्रदेश सरकार की युवाओं के लिए विदेश में रोजगार के अवसर प्रदान करने की पहल के सकारात्मक परिणाम सामने आ रहे हैं। उन्होंने कहा कि आतिथ्य, तकनीकी सेवाओं, हाउस कीपिंग, खाद्य व पेय पदार्थ और कार्यालय सहायक जैसे क्षेत्रों में प्रदेश से प्रतिवर्ष लगभग 1000 उम्मीदवारों को दुबई में रोजगार दिया जाएगा। उन्होंने कहा कि मुख्यमंत्री ठाकुर सुखविंदर सिंह सुक्खु के मार्गदर्शन में विदेश में रोजगार की संभावनाओं को बढ़ाने के लिए प्रदेश सरकार ने यूएई स्थित दुबई में ईएफएस फैसिलिटीज सर्विसिज ग्रुप लिमिटेड के साथ समझौता ज्ञापन (एमओयू) हस्ताक्षरित किया है। इसके अलावा, श्रम एवं रोजगार विभाग को विदेश में कार्य कर रहे युवाओं का कुशलक्षेम सुनिश्चित करने के लिए एक तंत्र विकसित करने के निर्देश दिए गए हैं। यह प्रदेश सरकार की विदेश में राज्य के युवाओं की सुरक्षा के लिए प्रतिबद्धता को दर्शाता है।
उन्होंने कहा कि प्रदेश सरकार राज्य के युवाओं को रोजगार एवं स्वरोजगार सुनिश्चित करने के लिए प्रतिबद्ध है। उन्होंने कहा कि प्रदेश सरकार युवाओं को विदेश में रोजगार के अवसर प्रदान करने के लिए भी सकारात्मक दृष्टिकोण से कार्य कर रही है ताकि भविष्य में अधिक से अधिक युवाओं को रोजगार के लिए विदेश में और अवसर प्राप्त हांे। इस पहल से राज्य के युवा ऐजेंटों के शोषण से बचंेगे और विदेश में उनकी सुरक्षा सुनिश्चित होगी।
उन्होंने कहा कि प्रदेश सरकार ने स्वरोजगार को और अधिक बढ़ावा देने के लिए राजीव गांधी स्टार्ट-अप योजना भी आरम्भ की है। इस योजना से राज्य के युवा स्वयं के उद्यम और स्थायी आजीविका अर्जन के लिए प्रेरित होंगे और आत्मनिर्भर बनेंगे। उन्होंने कहा कि राज्य सरकार ने विभिन्न क्षेत्रों में रोजगार मेलों के नियमित आयोजन के भी दिशा निर्देश दिए गए हैं ताकि युवाओं को घर द्वार पर ही रोजगार के अवसर मिल सकें। पर्यटन निगम के अध्यक्ष आरएस बाली ने कहा कि मुख्यमंत्री स्वावलंबर योजना के तहत भी युवाओं को स्वरोजगार के लिए प्रेरित किया जा रहा है। उन्होंने कहा कि बच्चे धन के अभाव में उच्च शिक्षा ग्रहण करने से वंचित न रहें इसके लिए प्रदेश सरकार ने महत्वाकांक्षी डॉ. यशवंत सिंह परमार विद्यार्थी ऋण योजना शुरू की है। योजना के अंतर्गत 28 वर्ष से कम आयु के पात्र हिमाचली विद्यार्थियों को एक प्रतिशत ब्याज की दर से बैंकों से 20 लाख रुपये का शिक्षा ऋण उपलब्ध करवाया जाएगा। ऋण के अंतर्गत भोजन, आवास, ट्यूशन फीस और अन्य शैक्षणिक आवश्यकताओं के व्यय शामिल हैं।