एएम नाथ। शिमला : मुख्यमंत्री सुखविंद्र सिंह सुक्खू ने कहा कि विद्युत उत्पादक 12 फीसदी रॉयल्टी देने को तैयार हो गए हैं। कंपनियों ने अन्य शर्तें नहीं मानी तो सरकार परियोजनाओं को टेकओवर करेगी। प्रश्नकाल के दौरान विधायक केवल सिंह पठानिया के सवाल का जवाब देते हुए मुख्यमंत्री ने कहा कि पूर्व सरकार ने हिमाचल के हित बेचे। कांग्रेस सरकार ने 40 साल बाद प्रोजेक्ट वापस लेने का फैसला लिया है। धौलासिद्ध, सुन्नी व लुहरी पावर प्रोजेक्ट को एसजेवीएन से टेकओवर किया जाएगा। एनटीपीसी से डुगर प्रोजेक्ट वापन लेने के लिए भी यह नियम लागू होगा।
मुख्यमंत्री ने कहा कि पूर्व सरकार ने विद्युत कंपनियों के साथ इंपलीमेंट एग्रीमेंट तक नहीं किया। लुहरी परियोजना का शिलान्यास प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी ने किया। लेकिन इस प्रोजेक्ट के लिए पूर्व सरकार ने ऐसी शर्तें तैयार की, जिससे प्रदेश को आर्थिक तौर पर नुकसान हुआ। पूर्व सरकार ने लुहरी परियोजना से 10 साल बाद 4 फीसदी, 11 से 25 वर्ष में 8 फीसदी और 26 से 40 साल तक 12 फीसदी निशुल्क बिजली लेने को मंजूरी दी।
मुख्यमंत्री ने कहा कि धौलासिद्ध और सुन्नी परियोजना में भी इस तरह से कार्य किया गया। कंपनियों को 40 वर्ष के बाद परियोजनाएं दे दी गईं। जीएसटी भी माफ किया गया। लाडा के तहत राशि नहीं ली। पूर्व सरकार ने पानी की संपदा को बेच दिया। कांग्रेस सरकार ने इस मामले को केंद्र सरकार के समक्ष मजबूती से उठाया है। केंद्रीय ऊर्जा मंत्री मनोहर लाल खट्टर से बीते दिनों मुलाकात कर बताया कि एसजेवीएन की तीन परियोजनाओं को सरकार टेकओवर कर लेगी। मुख्यमंत्री ने कहा कि अब बिजली कंपनियां 12 फीसदी की रॉयल्टी देने को तैयार हो गई है। अन्य शर्तों को भी मानने के लिए कहा गया है। शर्तों के अनुसार अगर समझौता नहीं हुआ तो सरकार परियोजनाएं टेकओवर करने को विवश होगी।