रोहित भदसाली। शिमला : हिमाचल प्रदेश विधानसभा के मानसून सत्र के अंदर और बाहर पहले ही दिन खूब हंगामा देखने को मिला। बीजेपी एमएलए हंसराज के खिलाफ कार्रवाई की मांग को लेकर पहुंची महिला कांग्रेस ने हिमाचल प्रदेश में अपनी ही कांग्रेस सरकार की कानून व्यवस्था पर सवाल उठाए हैं। विधानसभा घेराव के लिए पहुंची महिला कांग्रेस की इस दौरान पुलिस महिला जवानों से भी झड़प हुई।
आक्रोश में थी महिला कांग्रेस कार्यकर्ता : अलका लांबा ने कहा कि बीजेपी बूथ अध्यक्ष की बेटी ने बीजेपी विधायक हंसराज के खिलाफ शिकायत दी थी। एफआईआर भी दर्ज हुई, लेकिन पुलिस ने विधायक के खिलाफ कार्रवाही क्यों नहीं की। अलका लांबा ने कहा कि बीजेपी विधायक हंस राज के खिलाफ कार्रवाही की मांग को लेकर आज विधानसभा का घेराव करने पहुंचें है। और इसके बाद पुलिस के आला अधिकारियों से भी मुलाकात करेंगे। प्रदर्शन के दौरान महिला कांग्रेस कार्यकर्ता आक्रोश में थी जिसके कारण कार्यकर्ताओं व पुलिस महिला जवानों के बीच हल्की झंडप हो गई। महिला कांग्रेस अध्यक्ष अलका लांबा ने कहा कि लड़की की शिकायत पर बीजेपी विधायक हंसराज के खिलाफ पुलिस ने कार्रवाही क्यों नही की। उन्होंने कहा कि पुलिस ने FIR के बाद भी विधायक हंसराज से पूछताछ क्यो नही की ,क्यों बीजेपी विधायक का फोन जब्त नहीं किया जिसके माध्यम से उसने लड़की को अश्लील मैसेज व फ़ोटो भेजे है। अलका लांबा ने कहा- महिला कांग्रेस मांग करती है कि बीजेपी विधायक के फ़ोन जब्त किए जाएं और उनके फ़ोन की फोरेंसिक जांच की जाएं। अगर वो दोषी पाएं जाते है उनके खिलाफ सख्त से सख्त कार्रवाही की जाएं।
अलका लांबा ने कहा के 9 अगस्त को लड़की बीजेपी विधायक के खिलाफ एफआईआर दर्ज करवाती है लेकिन पुलिस मामले में कोई कार्रवाही नहीं करती है और मामले को दबा के रखती है। मामला मीडिया में आने के बाद बीजेपी के आलानेता बेटी पर एफआईआर वापिस लेने का दबाव बनाते है भारी दवाब के बाद बेटी एफआईआर वापिस लेती है। लेकिन उन्होंने कहा कि विधायक के खिलाफ एफआईआर वापिस नहीं होगी महिला कांग्रेस विधायक के खिलाफ कार्रवाही होने तक जांच की मांग करती रहेगी।
बता दें कि BJP विधायक के खिलाफ उसी के विधानसभा क्षेत्र की BJP बूथ अध्यक्ष बेटी ने एफआईआर दर्ज करवाई थी जिसमे पीड़िता ने पुलिस को बताया कि बीजेपी विधायक हंसराज उससे चैट पर अश्लील बातें करता है और न्यूड फोटो मांगता है। उसने कहा कि उसने एक काम के सिलसिले में विधायक से बात की थी। इस पर विधायक उससे मिलने के लिए कहने लगा और अपनी बात मनवाने के लिए दबाव बनाने लगा। पुलिस को एफआईआर में बीजेपी बूथ अध्यक्ष की पीड़ित बेटी ने यह भी बताया था कि आरोपी विधायक के कार्यकर्ता उसे लगातार चैट डिलीट करने के लिए धमकी देते हैं. और अपने जान को खतरा बताया था। एफ आई आर दर्ज कराने के दस दिन बाद लड़की ने अपने आरोपों से यू टर्न ले लिया और कहा कि वो मानसिक तनाव में थी जिसकी बजह से उसने गलतफहमी हो गयी थी। एफआईआर कराने वाली लड़की ने स्वयं एक वीडियो जारी करते हुए एफ आई आर वापस लेने की बात कही थी।