धर्मशाला , 23 दिसंबर : हिमाचल प्रदेश के मुख्यमंत्री सुखविंदर सिंह सुक्खू ने शनिवार को सदन में कहा कि सरकार विधायकों को गाड़ी पर झंडा लगाने की अनुमति देने का फैसला स्पीकर के साथ प्रासंगिक कानूनी पहलुओं पर चर्चा करने के बाद ही लेगी। मुख्यमंत्री भारतीय जनता पार्टी विधायक त्रिलोक जामवाल द्वारा उठाए गए मुद्दे का जवाब दे रहे थे। जामवाल ने कहा कि विधायकों के वाहनों पर झंडे लगाने से संबंधित कानून में 2021 में संशोधन किया गया था।
उन्होंने कहा कि विधानसभा अध्यक्ष ने इस संबंध में इसी साल 16 अप्रैल को सामान्य प्रशासन विभाग (जीएडी) को भी पत्र लिखा था, लेकिन अब तक सरकार ने कोई कार्रवाई नहीं की है।
उन्होंने विधायकों की गाड़ियों का चालान किये जाने का मुद्दा भी उठाया। इससे पहले विधानसभा अध्यक्ष कुलदीप सिंह पठानिया ने सरकार को शनिवार या रविवार तक प्राधिकार पत्र जारी करने का आदेश दिया था।
कांग्रेस विधायक केवल सिंह पठानिया ने कहा कि अधिकारी अपने वाहनों पर झंडे और चमकती लाइट लगाने के लिए आपदा का हवाला देते हैं, लेकिन वास्तविकता यह है कि किसी भी आपदा में घटनास्थल पर पहुंचने वाला पहला व्यक्ति मुख्यमंत्री होता है, उसके बाद मंत्री और विधायक होते हैं। उद्यान मंत्री जगत सिंह नेगी ने कहा कि यदि विधायकों को अधिकार नहीं दिया जा सकता तो अधिकारियों की गाड़ियों से झंडे हटा दिए जाएं।
विधायक विनोद कुमार ने कहा कि वर्तमान परिस्थिति में झंडा लगाने का प्रावधान जरूरी है। संसदीय कार्यमंत्री हर्षवर्धन चौहान ने कहा कि यह मामला कई सालों से लंबित है। उन्होंने कहा कि भाजपा जब सत्ता में थी तब उसे विधायकों का सम्मान याद नहीं था, लेकिन विपक्ष में आते ही उसे यह मामला याद आ गया है। उन्होंने मुख्यमंत्री से इस मामले में जल्द निर्णय लेने का आग्रह किया।