एएम नाथ। कांगड़ा : ईडी ने आज मंगलवार को हिमाचल प्रदेश में कांग्रेस विधायक रघुबीर बाली के कांगड़ा में स्थित घर ‘मजदूर कुटिया’ में ईडी की टीम ने छापेमारी की है। ईडी की कार्रवाई को लेकर कांग्रेस विधायक बाली ने कहा कि उनके घर में मौजूद हर चीज का लेखा-जोखा रखा गया है और यहां तक कि वह अपने पालतू जानवरों के लिए खाना भी चेक के जरिए मंगाते हैं।
हालांकि, ये पहला मौका नहीं है, जब कांग्रेस विधायक के यहां छापेमारी हुई है। पिछले हफ्ते बुधवार को भी ईडी की टीम ने रघुबीर बाली के घर पर दस्तक दी थी। जानकारी अनुसार ईडी ने कथित आयुष्मान भारत योजना धोखाधड़ी से जुड़ी मनी-लॉन्ड्रिंग जांच के तहत कांग्रेस विधायक, कुछ प्राइवेट अस्पतालों और उनके प्रमोटरों के परिसरों पर छापेमारी की. शिमला, कांगड़ा, ऊना, मंडी और कुल्लू जिलों के अलावा दिल्ली, चंडीगढ़ और पंजाब में 19 लोकेशन पर छापेमारी की गई है।
विधायक रघुबीर बाली की कंपनी पर भी हुई छापेमारी : ईडी ने नगरोटा विधानसभा सीट से विधायक बाली के परिसरों और कांगड़ा में फोर्टिस अस्पताल, जिसे बाली की कंपनी हिमाचल हेल्थकेयर प्राइवेट लिमिटेड प्रमोट करती है, वहां पर छापेमारी की. कांगड़ा में बालाजी अस्पताल और इसके प्रमोटर राजेश शर्मा के परिसरों पर भी छापेमारी की गई. कांग्रेस विधायक रघुबीर बाली हिमाचल प्रदेश पर्यटन विकास निगम के अध्यक्ष और हिमाचल प्रदेश पर्यटन विकास बोर्ड के उपाध्यक्ष भी हैं। वह सोशल मीडिया पर भी काफी ज्यादा एक्टिव रहते हैं।
क्या है कांग्रेस विधायक पर छापेमारी की वजह?
दरअसल, राज्य सतर्कता और भ्रष्टाचार निरोधक ब्यूरो जनवरी 2023 में किरण सोनी, ऊना स्थित श्री बांके बिहारी अस्पताल और अन्य के खिलाफ कथित तौर पर नकली आयुष्मान भारत-प्रधानमंत्री जन आरोग्य योजना कार्ड बनाने को लेकर एफआईआर दर्ज की. इसमें जब मनी लॉन्ड्रिंग की जानकारी सामने आई तो फिर ईडी ने मामले की कमान संभाल ली।
ईडी ने आरोप लगाया है कि ऐसे फर्जी कार्डों पर कई मेडिकल बिल तैयार किए गए, जिससे सरकारी खजाने और जनता को नुकसान हुआ। इस मामले में अपराध की कुल आय लगभग 25 करोड़ होने का अनुमान है। एजेंसी ने पाया कि आयुष्मान योजना के कथित उल्लंघन के लिए राज्य में अब तक कुल 8,937 आयुष्मान भारत गोल्डन कार्ड रद्द कर दिए गए हैं। बांके बिहारी अस्पताल, फोर्टिस अस्पताल, श्री बालाजी अस्पताल, सूद नर्सिंग होम और श्री हरिहर अस्पताल सहित अन्य ने आयुष्मान योजना के तहत अवैध लाभ उठाया।