एएम नाथ। शिमला : मुख्यमंत्री सुखविंदर सिंह सुक्खू ने कहा है कि इंजीनियर विमल नेगी की मौत मामले में सरकार ने 15 दिनों में उच्च स्तरीय जांच के आदेश दे दिए हैं और इसमें जो भी कसूरवार होगा, उसे सरकार छोड़ेगी नहीं।
वे सोमवार को पुलिस और संबंधित संगठन को लेकर विपक्ष द्वारा लाए गए कटौती प्रस्ताव पर हुई चर्चा का जवाब दे रहे थे। विपक्ष की गैर मौजूदगी में सदन ने उसके प्रस्तावों को नामंजूर कर दिया और मांग पूरी तरह से पारित हो गई। मुख्यमंत्री ने कटौती प्रस्तावों पर हुई चर्चा का जवाब देते हुए पूछा कि भाजपा आखिर विमल नेगी मौत मामले में सीबीआई जांच ही क्यों चाहती है। उन्होंने कहा कि सीबीआई और ईडी जैसी एजेंसियां पहले से भाजपा के हाथ में है और ये एजेंसियां कभी भी प्रदेश में छापामारी करती रहती हैं। इसी तरह की छापामारी इन्होंने नादौन में भी की थी। उन्होंने कहा कि जांच एजेंसियों का राजनीतिक लाभ लेने के लिए प्रयोग नहीं होना चाहिए। उन्होंने यह भी कहा कि विमल नेगी की पत्नी उनके लिए बहन जैसी है और विमल नेगी के साथ घटित घटना की पूर्ण व निष्पक्ष जांच होगी।
मुख्यमंत्री ने दावा किया कि प्रदेश में कानून व्यवस्था पूरी तरह से नियंत्रण में है और सरकार प्रदेशवासियों के जान-माल की सुरक्षा के लिए सक्षम है। उन्होंने कहा कि प्रदेश पुलिस अपराधों पर अंकुश लगाने के लिए जांच को प्रभावी बनाने पर जोर दे रही है। इसके लिए आधुनिक प्रौद्योगिकी का प्रयोग हो रहा है और पड़ोसी राज्यों और केंद्रीय एजेंसियों के साथ सूचनाओं का आदान-प्रदान भी हो रहा है।
विपक्ष का हंगामा : इस बीच, मुख्यमंत्री के जवाब से असंतुष्ट विपक्ष ने पहले सदन में हंगामा किया और फिर पूरा विपक्ष उठकर सदन से बाहर चला गया। इससे पूर्व, कटौती प्रस्ताव पेश करते हुए नेता प्रतिपक्ष जयराम ठाकुर ने कहा कि प्रदेश सरकार ने हिमाचल को भगवान भरोसे छोड़ दिया है। उन्होंने
कहा कि प्रदेश में कानून व्यवस्था तार-तार हुई है और इसके लिए प्रदेश सरकार जिम्मेदार है। उन्होंने विमल नेगी मौत मामले की सीबीआई जांच की मांग की।