देहरा / तलवाड़ा ; राकेश शर्मा : देहरा निर्वाचन क्षेत्र में उपचुनावों को देखते हुए निगरानी टीमें पुरी तरह से चौकस हैं। चुनावों के दौरान प्रचार व्यय को लेकर निगरानी दल प्रत्येक गतिविधि पर कड़ी नजर रख रहे हैं। कल देर रात देहरा विधानसभा क्षेत्र के बढल, ढलियारा, हनुमान चौक, नैहरणपुखर और साथ लगते क्षेत्रों में लगाए गए नाकों का औचक निरीक्षण करते हुए व्यय पर्यवेक्षक अल्पेश कुमार त्रिकमलाल परमार (आईआरएस) ने यह बात कही। भारतीय चुनाव आयोग द्वारा नियुक्त व्यय पर्यवेक्षक ने देर रात देहरा निर्वाचन क्षेत्र में विभिन्न स्थानों में तैनात फ्लाइंग स्क्वाड के दल, स्टेटिक सर्विलांस टीमों और पुलिस सहित अन्य निगरानी दलों की कार्यप्रणाली को जांचा।
पूरी मुस्तैदी से काम कर रहे निगरानी दल : अल्पेश कुमार ने इस दौरान देहरा में तैनात विभिन्न निगरानी दलों के कार्यों की सराहना करते हुए, उन्हें हर पल अलर्ट रहने के निर्देश दिए। उन्होंने कहा कि देहरा निर्वाचन क्षेत्र में सभी एफएसटी, एसएसटी और अन्य निगरानी दल दिन-रात पूरी मुस्तैदी से अपना काम कर रहे हैं। उन्होंने बताया कि देहरा निर्वाचन क्षेत्र में चुनावी व्यय और संबंधित गतिविधियों पर नजर रखने के लिए चुनाव आयोग द्वारा दो सेक्टर मजिस्ट्रेट, 10 सेक्टर ऑफिसर, एक सहायक व्यय पर्यवेक्षक, एक अकांउटिंग टीम, 6 फ्लाइंग स्क्वाड टीमें, 6 स्टेटिक निगरानी दल, दो वीडियो सर्विलांस टीम और एक वीडियो व्यूइंग टीम तैनात की गई है।
चुनाव आयोग के निर्देशों का हो अक्षरशः पालन
व्यय पर्यवेक्षक ने निगरानी दलों को चुनाव आयोग के दिशा निर्देशों का अक्षरशः पालन करने के निर्देश दिए। उन्होंने सभी व्यय निगरानी टीमों को चुनावों तक चौबीस घंटे निगरानी सुनिश्चित करने को कहा। उन्होंने कहा कि क्षेत्र में चुनावों के दौरान किसी भी स्तर पर नकदी या अन्य किसी तरह के प्रलोभन का प्रयोग वोटरों को प्रभावित करने के लिए न हो, इसे सुनिश्चित करना अत्यंत जरूरी है। इसके लिए प्रत्येक संदेहास्पद गतिविधि, व्यक्ति या गाड़ी की गहनता से जांच की जाए।
विभागों से ली जा रही नियमित रिपोर्ट
व्यय पर्यवेक्ष ने बताया कि देहरा में उपचुनावों के दुष्टिगत बैंक प्रबंधन को भी प्रतिदिन की लेन-देन, आनलाइन मनी ट्रांसफर की निगरानी रखने के निर्देश दिए गए हैं। इसके साथ ही निर्वाचन ड्यूटी पर तैनात आबकारी विभाग के अधिकारियों को भी शराब की बिक्री पर विशेष चेकिंग करने के निर्देश दिए गए हैं। जीएसटी विभाग को इस बाबत आवश्यक निर्देश देने के साथ ही नारकोटिक्स के नोडल अधिकारियों को भी नियमित तौर पर रिपोर्ट के लिए कहा गया है।