शंबु बॉर्डर / खनौरी बॉर्डर : एमएसपी पर कानूनी गारंटी की मांग पर आंदोलन कर रहे किसानों ने अगले दो दिनों किसानों ने शंभू और खनौरी बॉर्डर से दिल्ली कूच करने का प्लान 2 दिन के लिए टाल दिया है। किसान नेता सरवण पंधेर ने कहा कि अगले 2 दिन हम रणनीति बनाएंगे । किसानों ने कहा है कि शंभू और खनौरी बॉर्डर पर अगले दो दिनों तक किसान जस के तस बैठे रहेंगे। वहीं, खनौरी-दातासिंहवाला बॉर्डर पर भी किसानों की तरफ से सफेद झंडा लहराया गया, इसके जवाब में प्रशासन ने भी सफेद झंडा लहरा दिया। फिलहाल दोनों तरफ से शांति बनी हुई है। इससे पहले दिनभर शंभू और खनौरी बॉर्डर पर किसानों और पुलिस के बीच टकराव चला। पुलिस ने रबर बुलेट और आंसू गैस के गोले छोड़कर किसानों को दिनभर रोका। शंभू बॉर्डर पर आंदोलनरत किसानों के खिलाफ आंसू गैस के गोले चलाए गये। उसके बाद शंभू बार्डर पर किसान नेताओं की प्रेस कॉन्फ्रेंस की।
किसान नेता सरवन सिंह पंढेर ने कहा कि कल और परसों शांति रहेगी। हम नीति बनाएंगे। परसों सामने हम दोनों फोरमों की रणनीति आपके सामने रखेंगे। उन्होंने कहा कि किसान संगठनों ने अगले दो दिनों के लिए दिल्ली कूच आंदोलन के स्टे का ऐलान किया है। अगले दो दिनों तक आगे ना बढ़ने का ऐलान किया है।
उन्होंने कहा कि केंद्र सरकार के इशारे पर हरियाणा सरकार ने खनौरी और शम्भू बार्डर पर बर्बरता की कारवाई किया है, जबकि हमने शातिपूर्ण प्रदर्शन किया है। कई जख्मी हैं। सरकार की बदनियती है. सरकार सीधा गोली चला रही है। एक किसान की मौत हुई है।
उन्होंने कहा कि खनौरी बॉर्डर पर 22 साल के शुभकरन सिंह की मौत हो गई है। हमारा शांतिपूर्ण तरीके से कूच था, लेकिन ये सब हुआ. इस हालत में वार्ता जारी रखना ठीक नहीं है। इसलिए दो दिनों का विश्राम लिया है। खनौरी बॉर्डर पर हिंसा हुई। मेडिकल कैम्प के ऊपर शेलिंग की गई।
बातचीत का प्रस्ताव आने पर करेंगे विचार
उन्होंने कहा कि पहले जो दो किसान मरे हैं। उनमें से एक की डेड बॉडी अभी भी अस्पताल में है। 5 लाख का मुआवजा भी अभी तक नहीं दिया गया। सरकार की नियत सबके सामने है। हमारा शांतिपूर्ण प्रदर्शन था। अगर पंजाब सरकार रोकती है तो उसका भी रुख देखेंगे। उन्होंने कहा कि अभी तक सरकार से बातचीत की कोई चिट्ठी नहीं आई है। अगर बैठक का बुलावा आया तो विचार करेंगे।
दूसरी ओर, संयुक्त किसान मोर्चा ने एक प्रेस बयान जारी कर कहा कि पंजाब सीमा पर किसानों के क्रूर पुलिस दमन और हत्या का कड़ा विरोध करता है। प्रधानमंत्री और कार्यकारी किसानों के साथ समझौते को लागू नहीं कर रहे हैं और वर्तमान संकट के लिए जिम्मेदार हैं। 22 फरवरी को एसकेएम की एनसीसी और जीबी बैठक संघर्ष को आगे बढ़ाने के लिए निर्णायक कार्रवाई करेगी।
किसान संगठनों ने सरकार पर साधा निशाना : एसकेएम ने क्रूर पुलिस दमन और हरियाणा पंजाब सीमा पर पुलिस गोलीबारी में भटिंडा जिले के बल्लो गांव के किसान शुभकरण सिंह (21) की हत्या का कड़ा विरोध किया । उपलब्ध रिपोर्ट के अनुसार दमन में लगभग पंद्रह लोग गंभीर रूप से घायल हुए हैं। यह किसान परिवारों के रोजी-रोटी कमाने वालों पर क्रूर हमला है, जब वे केवल प्रधान मंत्री द्वारा किए गए लिखित वादों के कार्यान्वयन के लिए विरोध कर रहे थे।
उन्होंने कहा कि एसकेएम के साथ हस्ताक्षरित समझौते को लागू करने में विफल रहे, वर्तमान संकट के लिए पूरी तरह से जिम्मेदार हैं। एसकेएम पंजाब सीमा पर मामलों की स्थिति को गंभीरता से ले रहा है और 22 फरवरी को राष्ट्रीय समन्वय समिति और आम सभा की बैठक में स्थिति पर व्यापक चर्चा की जाएगी और संघर्ष को आगे बढ़ाने के लिए निर्णायक कार्रवाई की जाएगी।