चंडीगढ़ : पंजाब सरकार ने नई एक्साइज पॉलिसी को तैयार करना शुरू कर दिया है। इस पॉलिसी में सरकार टैक्स की लीकेज को रोकने पर ध्यान दे रही है। चुनावी वर्ष होने के कारण सरकार शराब की कीमत में बढ़ोत्तरी करने का जोखिम नहीं उठाएगी। शराब से मिलने वाली एक्साइज ड्यूटी से 16 फीसदी की वृद्धि मिली है। जिससे सरकार उत्साहित है।
एक्साइड ड्यूटी से 40 फीसदी वृद्धि का किया गया वादा : आम आदमी पार्टी (आप) सरकार ने पिछली कांग्रेस सरकार की तुलना में एक्साइज ड्यूटी से 40 फीसदी की वृद्धि का वादा किया था। सरकार ने पिछले वित्तीय वर्ष (2022-23) में 8,896 करोड़ रुपये एकत्रित किए थे। जबकि कांग्रेस के सत्ता वाली सरकार के वित्त वर्ष 2021-22 में यह 6,152 करोड़ रुपये था। वित्त मंत्री हरपाल सिंह चीमा ने कहना है, हमने चालू वित्त वर्ष के लिए 10 प्रतिशत की वृद्धि का लक्ष्य रखा था। पहले तीन तिमाही में 16 प्रतिशत की वृद्धि दर्ज कर चुकी हैं। सरकारी आंकड़ों के अनुसार, राज्य ने 31 दिसंबर तक पहली तीन तिमाहियों में 6,697 करोड़ रुपये एकत्रित किए, जबकि पिछले वित्त वर्ष की इसी अवधि में राज्य ने 5,770 करोड़ रुपये कमाए थे।
सरकार शराब तस्करी पर अंकुश लगाने में रही सफल : सरकार ने शराब से राजस्व में कम से कम 40 प्रतिशत की बढ़ोतरी दर्ज करने के लिए बीयर और भारतीय निर्मित विदेशी शराब (आईएमएफएल) की असीमित कोटा बिक्री की अनुमति दी थी, जिसके कारण राज्य में दोनों सस्ती हो गईं। इसका उद्देश्य चंडीगढ़ और अन्य पड़ोसी राज्यों से शराब की तस्करी को रोकना था, जहां शराब की कीमतें कम थीं। रणनीति काम कर गई और सरकार शराब की तस्करी पर अंकुश लगाने में सफल रही। इससे राज्य में शराब की बेहतर बिक्री में मदद मिली है।
8896 करोड़ रुपए सुरक्षित करने में सफल रही सरकार : वित्त मंत्री ने कहा कि सरकार ने वित्तीय वर्ष 2022-23 में 9,647 करोड़ रुपये का लक्ष्य रखा था और 8,896 करोड़ रुपये सुरक्षित करने में सफल रही। 9,000 करोड़ रुपये के आंकड़े तक पहुंचने में सक्षम हैं। पहले की सरकारें 6,000 करोड़ रुपये में संतुष्ट हो जाती थी। सरकार ने अब राज्य भर से इनपुट ले लिया है और अधिक राजस्व उत्पन्न करने पर नजर रखते हुए नीति में बदलाव करेगी। हालांकि, कीमत वाले हिस्से को नहीं छुआ जाएगा। अगर हम कीमत वाले हिस्से को छूते हैं, तो इतना राजस्व अर्जित करना एक चुनौती होगी। पिछले साल भी नीति में बदलाव किया था। उसी तरह इस साल भी इसमें बदलाव किया जाएगा। लेकिन कोटा असीमित रहेगा। चंडीगढ़ की शराब की राज्य में तस्करी नहीं की जाएगी।