बुढलाडा : स्थानीय बुढलाडा कस्बे के एक पति-पत्नी ने अपने 6 महीने के जिगर के टुकड़े को चिट्टे के लिए बेच दिया। ढाई महीने बाद, मासूम की नशेड़ी मां को अपने बच्चे को बेचने का पछतावा हुआ और उसने बरेटा थाने में अपने बच्चे को वापस पाने के लिए अर्जी दी।
वहीं, नशेड़ी दंपत्ति से 6 महीने के मासूम को लेने वालों का कहना है कि उन्होंने बच्चे को गोद लिया था, खरीदा नहीं था। बरेटा थाने और मानसा के सीआईए स्टाफ ने इस मामले की जांच शुरू कर दी है।
मां राज्य स्तरीय पहलवान रही
मासूम को बेचने वाले पति-पत्नी करीब 2 साल से चिट्टे के आदी है और उसकी मां किसी समय राज्य स्तरीय कुश्ती खेल चुकी थी। इंस्टाग्राम पर दोस्ती होने के बाद उन्होंने प्रेम विवाह रचा लिया। यह उनका पहला बच्चा था। वे चिट्टे के इस कदर दीवाने हो गए कि उन्होंने अपनी लत मिटाने के लिए अपने 6 महीने के मासूम बच्चे को गांव अकबरपुर खुडाल के एक कबाड़ी को 1.80 लाख रुपये में बेच दिया। पति-पत्नी ने बताया कि चिट्टा उनकी रगों में समा चुका है। इससे पहले उन्हें रतिया के किसी व्यक्ति से मासूम बच्चे को 5 लाख रुपये में बेचने का प्रस्ताव मिला था।
उन्होंने बताया कि दोनों पति-पत्नी गांव अकबरपुर खुडाल के एक कबाड़ी से नशा खरीदते थे, जिसने उनकी हालत देखकर बच्चे को खरीदने की पेशकश की तो उनका दिल टूट गया और उन्होंने नशे की लत मिटाने के लिए अपने जिगर के टुकड़े को 1.80 लाख रुपये में बेच दिया। पहलवान पत्नी ने कहा कि अब उन्हें एहसास हो गया है कि उन्होंने यह गलत कदम उठाया, अब वह अपने बच्चे को वापस लेना चाहती हैं और उसका पालन-पोषण करना चाहती हैं। पति-पत्नी को इस बात का भी अफसोस है कि अगर वे चिट्टे के शिकार न होते तो यह नौबत न आती। दोनों पति-पत्नी ने अपने ‘लाल’ को वापस पाने की मांग को लेकर बरेटा पुलिस में शिकायत दर्ज कराई है।
‘हमने खरीदा नहीं, गोद लिया था बच्चा’
दूसरी ओर, बच्चे को गोद लेने वाले अकबरपुर खुडाल गांव के दंपत्ति संजू और आरती ने बताया कि बच्चे के माता-पिता नशे के आदी हैं। उन्होंने कहा कि हम बच्चे की देखभाल करने में सक्षम नहीं हैं, हमें बच्चे की जरूरत थी। हमने कानूनी प्रक्रिया के तहत उनसे बच्चा गोद लिया था। जिसके लिए उन्होंने कोई पैसा नहीं दिया। उन्होंने बताया कि गोद लेने के समय बच्चा बहुत बीमार था और उन्होंने खुद इस मासूम बच्चे का इलाज भी करवाया है। उन्होंने बताया कि बाद में किसी के बहकावे में आकर पति-पत्नी ने मामला बदल दिया और उन पर बच्चा खरीदने का आरोप लगा दिया। जबकि उनके पास बच्चे को गोद लेने के सभी कानूनी दस्तावेज मौजूद हैं।
तांत्रिक की भूमिका भी संदिग्ध बुढलाडा के डीएसपी सिकंदर सिंह चीमा ने बताया कि पुलिस को एक दंपत्ति की ओर से अपने बच्चे को वापस पाने के लिए आवेदन मिला है, जिसकी जांच की जा रही है। उन्होंने कहा कि पुलिस किसी के नशेड़ी होने, बच्चे को खरीदने, बेचने या गोद लेने के मामले की गंभीरता से जाँच कर रही है। जाँच के बाद उचित कार्रवाई की जाएगी। उन्होंने यह भी कहा कि एक संदेह के अनुसार इस मामले में एक तांत्रिक की भूमिका की भी जांच की जाएगी।
