मेंहिंदवानी (गढ़शंकर) लोक बचाओ, गांव बचायों मेंहिंदवानी दुआरा शहीद-ए-आजम सरदार भगत सिंह, राजगुरु, सुखदेव के शहीदी दिवस के रूप में राजकीय वरिष्ठ माध्यमिक विद्यालय महिंदवानी में सूबेदार अशोक कुमार, सरपंच रमेश लाल, नंबरदार दर्शन लाल, कैप्टन प्रकाश चंद लाडी, जगरूप सिंह, दविंदर कुमार राणा, राम जी दास चौहान और कुलभूषण कुमार की अगुआई में मनाया गया।
मुख्य वक्ता के रूप में भाग लेते हुए प्रो. जय पाल सिंह (लुधियाना) ने शहीद भगत सिंह की जीवनी और फिलॉसफी के बारे में उपस्थित लोगों से अपने विचार साझा किए और कहा कि हमारे शहीदों ने आजादी के सपनों को पूरा करने के लिए बड़ी कुर्बानी दी थी। लेकिन देश के वर्तमान शासकों की जनविरोधी नीतियों के कारण यह पूरा नहीं हो सका। आजादी के 75 वर्ष बीत जाने के बाद भी शासक देश की जनता को सुविधाएं देने में विफल रहे हैं।शहीद भगत सिंह और उनके साथी ऐसी व्यवस्था देश में स्थापित करना चाहते थे जिसमें देश के सभी नागरिकों को बिना किसी भेदभाव के जीवन जीने की सभी सुविधाएं प्राप्त हों और देश के किसी भी नागरिक के साथ जाति, धर्म, नस्ल, लिंग के आधार पर कोई भेदभाव न हो। ऐसी व्यवस्था समाजवादी व्यवस्था से ही संभव हो सकती है न कि लोटू साम्राज्य व्यवस्था से जो हमारे देश के वर्तमान शासकों द्वारा अपनाई जा रही है । देश का धन कुछ कारपोरेट घरानों के हाथ में जमा हो रहा है आम जनता महंगाई, गरीबी और बेरोजगारी की चक्की में लगातार पिस रही हैं। उन्होंने कहा कि शहीद भगत सिंह द्वारा दिखाए गए समाजवादी विचारधारा को अपनाने से ही देश के लोगों की समस्याओं का समाधान हो सकता है। आज की आवश्यकता है कि स. भगत सिंह के विचारों को घर-घर पहुँचाया जाए और जनसंघर्षों को तेज किया जाए ताकि शहीद भगत सिंह और उनके साथियों के सपनों को साकार किया जा सके। इस समय प्रिंसीपल तिरलोचन सिंह। लैक्चरार शामम सुंदर, मास्टर नरेश धीमान, मो. जोगा सिंह साउवाल ने भी विचार रखे और शहीदों को श्रद्धांजलि दी।इस अवसर पर हरबंस लाल, सरवन दास, कमलजीत सोढ़ी रतनपुर, कृष्ण देव रतनपुर, हरिओम डंगोरी, सुच्चा सिंह पंच, सतपाल पंच, प्यारा सिंह बेहली मौजूद रहे।