एएम नाथ। शिमला। राज्य के सरकारी स्कूलों में शिक्षक अब जीन्स, टी शर्ट, रंग बिरंगी पोशाक पहन कर आने पर रोक लगा दी है। शिक्षा विभाग ने राज्य के सरकारी स्कूलों में शिक्षकों के लिए ड्रेस कोड लागू करने को लेकर नए निर्देश जारी किए गए हैं। हालांकि ड्रेस कोड अनिवार्य नहीं है, स्कूल स्वेच्छा से इसे लागू करेंगे। शिक्षकों के अलावा गैर शिक्षक भी ड्रेस कोड पहन कर आये ये प्रधानाचार्य व मुख्य अध्यापक तय करेंगे। ड्रेस कोड क्या व कैसा हो इसे स्कूल प्रधानाचार्य व मुख्य अध्यापक शिक्षकों के साथ मिलकर तय करेंगे।
सचिव शिक्षा राकेश कंवर की ओर से नए निर्देश स्कूलों को जारी किए गए हैं। इसके अनुसार शिक्षक भड़कीले, चटख रंग बिरंगे वाले कपड़े, स्किन फीट जींस, बिना कॉलर की शर्ट या टी शर्ट पहनकर नहीं आ सकेंगे। सप्ताह में में एक या दो दिन केजुअल ड्रेस पहन सकेंगे यह दिन कौन से होंगे यह प्रधानाचार्य तय करेंगे। बाकी दिन फॉर्मल ड्रेस यानी पेंट शर्ट, ब्लेजर पहन सकेंगे।
अभी तक छात्र-छात्राओं के लिए तो सरकार ने ड्रेस कोड तय किया है, लेकिन शिक्षकों के लिए यह नियम लागू नहीं किया था। इसके कारण शिक्षक, शिक्षिकाएं अपनी मर्जी से कपड़े पहन कर चले जाते हैं।
शिक्षक स्किन फीट जींस, रंग बिरंगे, भड़कीले, चमकदार पेंट शर्ट पहनकर स्कूल पहुंच जाते हैं। इस प्रकार के ड्रेस देखकर बच्चों के मन में भी अपने शिक्षकों की तरह पहनने की इच्छा होती है, जिसका दुष्प्रभाव मन पर पड़ता है। अब शिक्षकों के लिए भी यह नियम लागू कर दिया गया है।
सचिव शिक्षा राकेश कंवर की ओर से जारी पत्र में प्रधानाचार्यों, मुख्य अध्यापक और अन्य शिक्षकों से आग्रह किया है कि वे स्कूल के सभी शिक्षकों के साथ परामर्श के बाद एक ड्रेस कोड लागू करें।
प्रधानाचार्य अपने-अपने संस्थानों के लिए ड्रेस कोड तय करते समय फॉर्मल और शर्ट (मिलान करने वाले शांत रंगों का चयन करें।
महिला शिक्षकों के लिए औपचारिक भारतीय पोशाक जैसे दुपट्टे के साथ सलवार कमीज, स्ट्रेट पलाजो, पैंट कमीज, साड़ी, चूड़ीदार सूट, औपचारिक पतलून और शर्ट पहनी जा सकती है। ब्लेज़र मेहरून व नीले रंग की हो सकती है। जूते भी औपचारिक और पेशेवर होने चाहिए। स्पोर्ट्स दिवस वाले दिन ट्रेक सूट पहन सकते हैं। महिला शिक्षिकाएं भारी भरकम ज्वेलरी भी नहीं पहन सकेगी।