चंडीगढ़ ।सुखबीर बादल ने शिरोमणि अकाली दल का पूरा संगठन भंग कर दिया है। अकाली दल की सभी ईकाईयां, कोर कमेटी, ऑफिस पदाधिकारियों के साथ सभी विंग भी भंग किए गए हैं। यह फैसला अकाली दल में लीडरशिप को लेकर बढ़ती बगावत के बाद उठाया गया है। देर रात सुखबीर बादल ने संगठनत्माक ढांचा भंग करने का ऐलान कर दिया। हालांकि शिरोमणि अकाली दल की वाल पर रात 8.11 वजे ट्वीट कर जानकारी दी गई। लेकिम सुबह 11 वजे तक 15 घंटे में ट्वीट को मात्र 24 ने लाइक और 6 ने रिट्वीट किया। जिससे शिरोमणि अकाली दल के कार्यकर्ताओं की नाराजगी तो साहमने आ बी रही है । इसके इलावा अन्य लोगो में भी शिरोमणि अकाली दल की कम होती लोकप्रियता साफ होती दिखाई दे रही है।
अकाली दल के मुताबिक चुनावी हार के मंथन के लिए वरिष्ठ नेता इकबाल झूंदा की अगुआई में पोल रिव्यू कमेटी बनाई गई थी। इस कमेटी के सुझाव पर ही संगठनात्मक ढांचा भंग कर दिया गया। अकाली दल ने पंजाब में 2007 से 2017 तक सरकार चलाई। उसके बाद के 2 विधानसभा चुनावों में करारी हार झेलनी पड़ी। 2022 में तो अकाली दल सिर्फ 3 सीटों पर सिमट गया।
अकाली दल में बगावत की शुरूआत पंजाब विधानसभा में पार्टी नेता विधायक मनप्रीत अयाली से हुई। उन्होंने पार्टी के फैसले का विरोध करते हुए बीजेपी समर्थित एनडीए उम्मीदवार द्रौपदी मुर्मु को वोट नहीं दिया। अयाली ने राष्ट्रपति चुनाव का बहिष्कार कर दिया। अयाली ने कहा कि बिना सिख, पंजाब और अन्य मसलों पर कोई भरोसा लिए यह समर्थन दिया गया। इसके बाद वरिष्ठ नेता प्रेम सिंह चंदूमाजरा कोर कमेटी की मीटिंग में नहीं आए। उन्होंने झूंदा कमेटी की रिपोर्ट सीधे कोर कमेटी में पेश करने पर सवाल खड़े किए। चंदूमाजरा का कहना था कि इसे पहले समीक्षा कमेटी में रखा जाना चाहिए था।