पटियाला। नाभा विधानसभा क्षेत्र के गांव कालसना के सरपंच को निमंत्रण पत्र होने के बावजूद लाल किले पर 15 अगस्त के कार्यक्रम में शामिल होने की अनुमति नहीं दिए जाने का मामला सामने आया है।
गांव कालसना के सरपंच गुरध्यान सिंह ने पत्रकारों से जानकारी साझा करते हुए बताया कि उन्हें गांव में पंचायत के अच्छे प्रदर्शन के लिए सम्मानित किए जाने हेतु केंद्रीय जल संसाधन विभाग की ओर से निमंत्रण मिला था।
उन्होंने जानकारी देते हुए बताया कि विभाग की ओर से 14 अगस्त को केंद्रीय जल संसाधन मंत्री की मौजूदगी में एक समारोह में शामिल होने का अवसर भी मिला था, जहां केंद्रीय मंत्री की मौजूदगी में उन्हें सम्मानित भी किया गया।
उन्होंने बताया कि उन्हें 15 अगस्त को लाल किले पर आयोजित होने वाले समारोह में शामिल होने का निमंत्रण पत्र भी मिला था। वह लाल किले पर आयोजित होने वाले समारोह में शामिल होने के लिए सुबह 5 बजे लाल किले के गेट पर पहुंच गए थे, लेकिन सुरक्षाकर्मियों ने उन्हें गेट पर ही रोक दिया। जब उन्होंने रोके जाने का कारण पूछा तो सुरक्षाकर्मियों ने कहा कि आप श्री साहिब पहनकर अंदर नहीं जा सकते।
सरपंच गुरध्यान सिंह ने बताया कि उन्होंने सुरक्षाकर्मियों से बात की कि यह हमारा धार्मिक चिन्ह हैं तो सुरक्षा गार्डों ने उन्हें कहा कि श्री साहिब को उतारकर यहीं रख दो और अंदर चले जाओ। सरपंच गुरध्यान सिंह ने कहा कि वह श्री साहिब को उतारकर अंदर नहीं जाएंगे।
गुरध्यान सिंह ने कहा कि जहां एक ओर देश की आजादी के लिए सिखों की कुर्बानियां हैं, वहीं दूसरी ओर यह बहुत दुख की बात है कि सिख देश के स्वतंत्रता समारोह में शामिल नहीं हो पाए।
गुरध्यान सिंह ने शिरोमणि गुरुद्वारा प्रबंधक कमेटी के अध्यक्ष और श्री अकाल तख्त साहिब के जत्थेदार से इस मामले में उचित कदम उठाने की अपील की।
इस संबंध में जब शिरोमणि गुरुद्वारा प्रबंधक कमेटी के सदस्य सतविंदर सिंह टोहड़ा से बात की तो उन्होंने कहा कि वह इस कार्रवाई की कड़ी निंदा करते हैं और संबंधित अधिकारियों के खिलाफ सख्त कार्रवाई की मांग करते हैं। उन्होंने एसजीपीसी अध्यक्ष से भी इस संबंध में उचित कदम उठाने की अपील की।