हमीरपुर 29 फरवरी। हिमाचल प्रदेश को अगले दो वर्षों में हरित ऊर्जा राज्य बनाने के लक्ष्य के साथ कार्य कर रही प्रदेश सरकार के प्रयास रंग लाने लगे हैं। सरकार की सब्सिडी योजना का लाभ उठाकर अब आम लोग अपने घरों की छतों पर सौर ऊर्जा संयंत्र लगाने के लिए बड़ी संख्या में आगे आ रहे हैं। 80 प्रतिशत सब्सिडी के साथ सौर ऊर्जा संयंत्र लगाने के बाद ये लोग अपने घर में ही बिजली पैदा कर रहे हैं।
हमीरपुर के निकटवर्ती गांव बरोहा में भी इसकी एक झलक देखने को मिल रही है। गांववासी देशराज और दिले राम शर्मा ने हिमऊर्जा की मदद एवं मार्गदर्शन से अपने घरों पर 3-3 किलोवॉट के सोलर पैनल लगाए हैं और वे अपनी दैनिक जरुरत के लिए घर में ही बिजली पैदा कर रहे हैं।
देशराज ने बताया कि सौर ऊर्जा संयंत्र लगाने के लिए 80 प्रतिशत सब्सिडी की योजना के बारे में उन्हें हिमऊर्जा के अधिकारियों से पता चला तो उन्होंने अपने घर के स्लैब पर ही सोलर पैनल लगवाने का निर्णय लिया। हिमऊर्जा की मदद और मार्गदर्शन से उन्होंने 3 किलोवॉट का सोलर पैनल लगवाया। इस सोलर पैनल से पैदा होने वाली बिजली से उनके घर की ऊर्जा जरुरतें पूरी हो जाती है। अब उनको बिजली का बिल नहीं देना पड़ रहा है। देशराज ने बताया कि घर में ही तैयार बिजली सरप्लस होने की स्थिति में इसे बिजली बोर्ड को देने के लिए आवश्यक प्रक्रिया शुरू की जा रही है, जिससे उन्हें काफी लाभ होगा।
गांव बरोहा के ही दिले राम शर्मा ने बताया कि उन्होंने भी घर के स्लैब पर हिमऊर्जा की मदद से 3 किलोवॉट के सोलर पैनल लगाए हैं और ये उनके लिए काफी फायदेमंद साबित हो रहे हैं।
इस प्रकार हरित ऊर्जा के उत्पादन और उपयोग के लिए प्रदेश सरकार के प्रयास काफी अच्छे एवं उत्साहजनक परिणाम ला रहे हैं।
प्रदेश सरकार अब हिमऊर्जा के अलावा राजीव गांधी स्वरोजगार स्टार्टअप योजना के माध्यम से भी सौर ऊर्जा परियोजनाओं को प्रोत्साहित करने जा रही है। राजीव गांधी स्वरोजगार स्टार्टअप योजना के दूसरे चरण में 100, 200 और 500 किलोवॉट सौर परियोजनाएं स्थापित करने के लिए लाभार्थी को केवल 10 प्रतिशत सिक्योरिटी 25 वर्ष के लिए जमा करवाने पर 70 प्रतिशत बैंक ऋण तथा 30 प्रतिशत इक्विटी सरकार द्वारा दी जाएगी। इससे जहां युवाओं के लिए स्वरोजगार के अवसर उपलब्ध होंगे, वहीं हिमाचल प्रदेश हरित ऊर्जा बनने की ओर भी अग्रसर होगा।