गढ़शंकर : पंजाब सरकार द्वारा छात्रों पर लगाई गई 200 रुपये सर्टिफिकेट फीस और परीक्षा शुल्क और जुर्माने में वृद्धि के खिलाफ डेमोक्रेटिक टीचर्स फ्रंट द्वारा आज 3 अक्टूबर 2023 को पंजाब स्कूल शिक्षा बोर्ड मुख्यालय के बाहर विरोध प्रदर्शन में शामिल होने के लिए गढ़शंकर से डेमोक्रेटिक टीचर्स फ्रंट के नेता, मुकेश गुजराती के नेतृत्व में जत्था रवाना हुया । इस बारे में जानकारी देते हुए प्रदेशिक नेता सुखदेव डानसीवाल ने कहा कि पंजाब स्कूल शिक्षा बोर्ड निजीकरण और व्यावसायीकरण की नीतियों के तहत लगाई सर्टिफिकेट फीस ,परीक्षा शुल्क और भारी जुर्माना वसूल कर आम गरीब लोगों से शिक्षा छीन रहा है। डीटीएफ ने विरोध पत्र जिला मुख्यालयों के माध्यम से पत्र भेज कर मुख्यमंत्री और शिक्षा मंत्री से भारी जुर्माने को वापस लेने की मांग की है
शिक्षा बोर्ड से संबंधित कक्षाओं की प्रायोगिक परीक्षाएं विद्यालय स्तर पर शिक्षकों द्वारा आयोजित की जाती हैं। अतः बोर्ड द्वारा विद्यार्थियों से लिया जाने वाला आवेदन शुल्क पूर्णतः अतार्किक एवं अनुचित है। इसलिए आवेदन शुल्क पूर्णतः बंद किया जाए।
आठवीं कक्षा तक के सभी विद्यार्थियों को शिक्षा का अधिकार अधिनियम-2009 और विकलांग व्यक्तियों के अधिकार के तहत 18 वर्ष की आयु तक के विकलांग विद्यार्थियों को निःशुल्क शिक्षा प्रदान करने की बाध्यता के बावजूद, पंजाब स्कूल शिक्षा बोर्ड से प्रति प्रमाणपत्र 200/250 रु. अधिनियम-2016 में छात्र शुल्क लगाया गया है। डीटीएफ गुणवत्ता में सुधार करते हुए सभी कक्षाओं के बोर्ड परीक्षा प्रमाणपत्र पूरी तरह से मुफ्त प्रदान करने की मांग करती है। पंजाब स्कूल शिक्षा बोर्ड ने हाल ही में छात्रों से परीक्षा शुल्क, पंजीकरण और निरंतरता शुल्क और जुर्माना और विलंब शुल्क आदि में वृद्धि की है। हमारी मांग है कि इस बढ़ोतरी को वापस लिया जाए, जुर्माना किसी भी स्थिति में फीस से अधिक न हो और दसवीं/बारहवीं की निरंतरता और परीक्षा शुल्क एक ही समय में कंप्यूटर पर ऑनलाइन किया जाए। इस समय जत्थे में मंजीत बंगा, हरविंदर सुमन, सतपाल कलेर, सतनाम सिंह, बगीचा सिंह सहुंगड़ा , ग्रामीण मजदूर यूनियन बलाचौर के प्रधान हरभजन सहूगरा, दीवान चंद मौजूद थे।
आठवीं कक्षा तक के सभी विद्यार्थियों को शिक्षा का अधिकार अधिनियम-2009 और विकलांग व्यक्तियों के अधिकार के तहत 18 वर्ष की आयु तक के विकलांग विद्यार्थियों को निःशुल्क शिक्षा प्रदान करने की बाध्यता के बावजूद, पंजाब स्कूल शिक्षा बोर्ड से प्रति प्रमाणपत्र 200/250 रु. अधिनियम-2016 में छात्र शुल्क लगाया गया है। डीटीएफ गुणवत्ता में सुधार करते हुए सभी कक्षाओं के बोर्ड परीक्षा प्रमाणपत्र पूरी तरह से मुफ्त प्रदान करने की मांग करती है। पंजाब स्कूल शिक्षा बोर्ड ने हाल ही में छात्रों से परीक्षा शुल्क, पंजीकरण और निरंतरता शुल्क और जुर्माना और विलंब शुल्क आदि में वृद्धि की है। हमारी मांग है कि इस बढ़ोतरी को वापस लिया जाए, जुर्माना किसी भी स्थिति में फीस से अधिक न हो और दसवीं/बारहवीं की निरंतरता और परीक्षा शुल्क एक ही समय में कंप्यूटर पर ऑनलाइन किया जाए। इस समय जत्थे में मंजीत बंगा, हरविंदर सुमन, सतपाल कलेर, सतनाम सिंह, बगीचा सिंह सहुंगड़ा , ग्रामीण मजदूर यूनियन बलाचौर के प्रधान हरभजन सहूगरा, दीवान चंद मौजूद थे।