विपक्षी पार्टियो के सांसदों के निलंबन के ख़िलाफ़ INDIA गठबंधन ने आज जंतर-मंतर पर प्रदर्शन किया। मुद्दा सांसदों के निलंबन का था, लेकिन लोकसभा चुनाव से पहले इसे गठबंधन के शक्ति प्रदर्शन से जोड़ कर देखा जा रहा है।
मंच पर कांग्रेस अध्यक्ष मल्लिकार्जुन खड़गे, शरद पवार,राहुल गांधी,सीताराम येचुरी,मनोज झा सहित इंडिया गठबंधन के कई सांसद और वरिष्ठ नेता मौजूद थे। संसद को विपक्ष मुक़्त बनाने के आरोप के साथ ही विपक्षी पार्टियो ने इसे 2024 लोकसभा चुनाव का बड़ा मुद्दा बनाया। वही कांग्रेस ने आज हर प्रदेश ने प्रदर्शन किया।
NCP प्रमुख शरद पवार ने प्रदर्शन में कार्यकर्ताओं को संबोधित करते हुए कहा कि इतिहास में इससे पहले ऐसा कभी नही हुआ कि किसी एक सत्र में 150 सांसदों को निलंबित कर दिया जाए और वो भी इसलिए की सांसद संसद की सुरक्षा में चूक पर गृहमंत्री से जवाब चाहता है। वहीं पवार ने ये भी कहा की देश में हर वर्ग परेशान है, किसानों को अपनी लागत नही मिल रही, युवा बेरोज़गार है, महंगाई से गृहिणी परेशान है। लोगों के लिए हम हर क़ुर्बानी देने को तैयार हैं।
राहुल बोले- देश के युवा के पास रोज़गार नही इसलिए मोबाइल पर रहते हैं : विपक्षी पार्टियो के प्रदर्शन में राहुल गांधी ने कहा की मोदी सरकार में युवा साढ़े सात घंटे सोशल मीडिया पर रहते हैं क्योंकि वो बेरोजगार हैं और उसी युवा संसद की सुरक्षा में सेंध लगाई है। विपक्षी पार्टी के सांसद सवाल न करें इसलिए उन्हें संसद के बाहर फेंक दिया गया। वही RJD सांसद मनोज झा ने कहा कि जो व्यक्ति अभी सत्ता में है उसे – विपक्ष मुक्त संसद, सवाल मुक्त मीडिया, प्रतिरोध मुक्त सड़क और खिलाड़ी मुक्त खेल चाहिए।
मल्लिकार्जुन खड़गे ने क्या कहा?
इस दौरान कांग्रेस पार्टी के अध्यक्ष मल्लिकार्जुन खड़गे ने कहा कि उन्हें इस बात का बहुत धक्का लगा कि संवैधानिक पद पर बैठे लोग यह कहते हैं कि वो किसी जाति से संबंध रखते हैं और उनका अपमान किया गया। उन्होंने कहा कि सारे विपक्षी नेता एक हो गए हैं, जब सब एक हो गए हैं तो अकेले प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी कुछ नहीं कर सकते। उन्होंने कहा, ‘संविधान के उच्च पद पर बैठने वाले लोग कहते हैं कि मेरी जाति के कारण मेरा अपमान किया जा रहा है… अगर आपकी हालत यही है तो मेरे जैसे दलित की हालत क्या होगी? मैं जब सदन में बात करने के लिए उठता था तो उस समय मुझे बोलने का मौका नहीं दिया जाता था… तो मैं क्या कहूं कि ये भाजपा के लोग, भाजपा की सरकार एक दलित को बोलने नहीं दे रही है? क्या मैं ऐसा कहूं?’
संसद में घुसने वाले खतरों के खिलाड़ी
आदित्य ठाकरे ने कहा कि हमारा देश तानाशाही की ओर बढ़ चुका है। ससंद से विपक्ष को निकाला गया क्योंकि वह बहुत सवाल पुछते थे। क्या हमारा अधिकार नहीं है सवाल पुछने का, सवाल क्या था, वो जो दो युवा संसद में कूदे थे, खुद के जान पर खेलकर उन दोनो ने ऐसा किया। शायद उनका सवाल मणिपुर या बेरोजगारी पर हो सकता है। लेकिन अगर दो युवा अपनी जान पर खेलकर, खतरों के खिलाड़ी बनकर संसद भवन में आ सकते हैं, पूरी सुरक्षा को झुकाकर तो क्या यह हमारा काम नहीं है कि हम सवाल पूछे। हम उम्मीद कर रहे थे कि सरकार कोई बयान देगी जैसे अटल जी, आडवाणी जी ने बयान दिया था। संसद में जो घटना हुई उसका हम समर्थन नहीं करते हैं। जिस तरह से वह संसद में आए थे वह बहुत गलत है।
जो ब्रिटिश काल में नहीं हुआ वो इस सरकार में हुआ
आदित्य ठाकरे ने कहा कि संसद में ये युवा किसके पास पर आए थे? क्या उसपर कोई कार्रवाई हुई? महुआ मोइत्रा ने सवाल पूछा तो उनके सदस्यता रद्द कर दी गई। लेकिन इतनी बड़ी सुरक्षा में चूक हुई लेकिन अब तक उस एमपी से सवाल तक पूछा नहीं गया। उस संसद में 800 सांसद रहते हैं देश की जनता को रिप्रेजेंट करते हैं। ऐसे में दो युवा वहां आते हैं और उड़ी मारते हैं। कल वह कुछ भी साथ में ला सकते थे। ब्रिटिश काल में भी जो नहीं हुआ वह इस सरकार के दौर में हुआ है। सरकार को पता है कि अगर उस दिन सिक्योरिटी अलर्ट होती तो शूट एंड साइट भी हो सकता था। उन युवाओं के लिए नौकरियां नहीं है इस देश में इसीलिए उन्होंने यह कदम उठाया। ऐसे में सभी को सोचना चाहिए कि कल देश में कुछ बड़ी घटना भी हो सकती है।
राम मंदिर उद्घाटन के न्योते पर
खबर आई है कि राम मंदिर प्राण प्रतिष्ठा कार्यक्रम में उद्धव ठाकरे को निमंत्रण नहीं मिला है। इस मुद्दे पर भड़कते हुए आदित्य ठाकरे ने कहा कि जिनका भी राम मंदिर आंदोलन में योगदान रहा है उन्हें बुलाया नहीं जाए यह सरकारी पॉलिसी है। इस मंदिर के निर्माण में जो भी क्रेडिट लेने वहां जा रहे हैं, उनका मंदिर आंदोलन से कोई लेना-देना नहीं है। जो आदेश आया है वह सुप्रीम कोर्ट ने दिया है कोर्ट के फैसले के बाद यह निर्माण हो रहा है। किसी भी पार्टी को आशीर्वाद में नहीं कूदना चाहिए।