एएम नाथ। ऊना : सांसद किशन कपूर टिकट को लेकर हाईकमान के फैसले से नाराज ही नहीं गुस्सा भी हैं। लंबी चुप्पी के बाद उनके बागी तेवर झलकने लगे हैं। बुधवार को अपने आवास पर जुटे समर्थकों के बीच बैठकर उन्होंने भावी रणनीति पर मंथन किया। सुधीर को पार्टी में एंट्री और टिकट पर उन्होंने जमकर भड़ास निकाली। पूर्व सीएम जयराम को भी आड़े हाथों लिया। पांच बार विधायक और दो बार मंत्री रहे सांसद किशन कपूर के तल्ख तेवर आने वाले समय में भाजपा की टेंशन बढ़ा सकते हैं।
टिकट कटने और बागी सुधीर की एंट्री कराकर प्रत्याशी बनाने पर उन्होंने कहा कि टिकट काटा कोई बात नहीं। लेकिन, उनसे बात तो की जाती। प्रदेश से पैनल में सिटिंग एमपी का नाम क्यों नहीं भेजा गया, इसका जवाब भी मांगा जाएगा। सुधीर को लेकर हाईकमान के फैसले पर कड़ा विरोध जताते हुए उन्होंने कहा कि यह स्वीकार्य नहीं हो सकता। 2019 में पवन काजल को रिकॉर्ड मतों से हराया। एयरपोर्ट विस्तारीकरण चुनाव में मेरा प्रमुख मुद्दा रहा और काजल इसका डटकर विरोध करते रहे। मेरे से राय लिए बिना पार्टी ने उन्हें गले लगा लिया। 2022 के चुनाव में भी पार्टी ने बिना राय-मशविरा किए धर्मशाला हलके से ऐसे व्यक्ति को टिकट थमा दिया, जिसने पार्टी की सदस्यता भी नहीं ली थी। मैं तब भी चुप रहा।
अबकी बार फिर ऐसे व्यक्ति को पुराने भाजपाइयों के सिर पर बिठाने की कोशिश की जा रही है जो पार्टी कार्यकर्ताओं को प्रताड़ित करता रहा है। गद्दी समुदाय पर लाठीचार्ज करवाने वाले सुधीर शर्मा का 2012 से 2017 का कार्यकाल धर्मशाला में डर और गुंडागर्दी का रहा। उन्हें गले लगाने के फैसले से भाजपा के लोग और धर्मशाला के मतदाता आहत हैं। पूर्व सीएम जयराम ठाकुर पर भी सवाल खड़े करते हुए कहा कि 2017 से 2022 में कांगड़ा के साथ सौतेला व्यवहार होता रहा। जिले की सियासत को मंडी से रिमोट कंट्रोल से चलाने की कोशिशें की गईं। उपचुनाव को लेकर सभी संभावनाएं खुली हैं। जल्द ही अगले कदम का खुलासा कर दिया जाएगा।