शिमला : दो महीने से चल रहा सीमेंट विवाद पर अडाणी ग्रुप किसी भी तरह से समझौते को तैयार नहीं है। इससे यह संवेदनशील मामला प्रदेश में संकट के रूप में खड़ा हो गया है। राज्य सरकार की ओर से पूरे मामले में मध्यस्थता की भूमिका भी किसी काम नहीं आई। कंपनी प्रबंधन ने ट्रक ऑपरेटर्स की मांग के उलट माल भाड़े की दरें बढ़ाने की जगह और घटा दीं।
इससे ट्रक सोसाइटियां मुखर हो गईं और पदाधिकारियों ने हिमाचल में अडाणी की एंट्री बैन करने की चेतावनी तक दे डाली।
अब यह मसला सुक्खू सरकार के सामने बड़ी चुनौती बन गया है। मंगलवार को उद्योग मंत्री हर्षवर्धन चौहान की अध्यक्षता में हुई दोनों पक्षों की बैठक में CM सुखविंदर सिंह सुक्खू स्वयं शामिल हुए। इसमें अडाणी ग्रुप के CEO ने विवाद हल होने की उम्मीद पर पूरी तरह पानी फेर दिया। उन्होंने कंपनी की ओर से नए प्रस्तावित रेट दिए। इसमें माल भाड़े की दरें 8.50 से 10 रुपए बताई गईं। बीते दिन कंपनी की ओर से यह रेट 9 से 10 रुपए थे। ऐसे में अब सरकार के भी हाथ खड़े हो गए हैं, क्योंकि अडाणी प्रबंधन किसी भी तरह से मानने को तैयार नहीं है। इस मामले में उद्योग मंत्री हर्षवर्धन सिंह चौहान ने कहा कि सरकार ने मीडिएटर के तौर पर 6 बैठकें कर लीं। यह अडाणी समूह और ट्रक ऑपरेटर्स के बीच का आपसी मसला है। प्रदेश सरकार इसमें केवल मध्यस्थता कर रही है। उन्होंने कहा कि कंपनी प्रबंधन किसी भी तरह से माल भाड़े के वाजिब रेट देने को तैयार नहीं है। दूसरी तरफ ट्रक सोसाइटी के लोग भी रेट गिराने को नहीं मान रहे। सीमेंट कंपनी अड़ियल रवैया अपना रही है, लेकिन सरकार अपनी ओर से फिर भी कोशिशें कर रही है।