एएम नाथ। शिमला : शिमला। बेड एंड ब्रेकफास्ट व होम स्टे ऑनर्स एसोसिएशन के अध्यक्ष जीएम वानी ने कहा कि होम स्टे नीति-2025 में निर्धारित किया गया पंजीकरण शुल्क बिल्कुल भी उचित नहीं है। ड्राफ्ट में शामिल प्रस्तावित शुल्क का भार होम स्टे मालिक नहीं उठा पाएंगे।
एसोसिएशन ने होम स्टे नियम के ड्राफ्ट के विरोध में मुख्यमंत्री सुखविंदर सिंह सुक्खू को पत्र लिखा है। पत्र के माध्यम से एसोसिएशन ने होम स्टे नियम-2025 का विरोध किया और कहा है कि बेड एंड ब्रेकफास्ट व होम स्टे अलग कैटेगरी है और इसकी होटल इंडस्ट्री से तुलना नहीं की जा सकती।
नियम लागू हुआ तो ब्रेकफास्ट हो जाएंगे बंद
उन्होंने कहा कि यह ड्राफ्ट तैयार करते समय संबंधित हितधारकों को शामिल नहीं किया गया और न ही उनसे राय ली गई। उन्होंने कहा कि अगर यह नियम लागू हो गए तो हिमाचल प्रदेश में बड़े स्तर पर होम स्टे व बेड एंड ब्रेकफास्ट बंद हो जाएंगे। होम स्टे का संचालन करके कई लोगों के लिए यह रोजगार का साधन बना हुआ है और ऐसे सख्त नियम तय किए जाने से इनका संचालन मुश्किल हो जाएगा।
उन्होंने कहा कि हिमाचल प्रदेश में होम स्टे से जुड़े नए नियमों का ड्राफ्ट सार्वजनिक होने के साथ ही होम स्टे मालिकों में रोष है। ड्राफ्ट वापस नहीं लिया गया तो इसके खिलाफ न्यायालय का दरवाजा खटखटाया जाएगा।
बेड एंड ब्रेकफास्ट व होम स्टे ऑनर्स एसोसिएशन ने मांग की है कि प्रति वर्ष 12000 रुपये की पंजीकरण फीस को कम करना, वाणिज्यिक शुल्क न लगाने, नवीनीकरण प्रक्रिया को सरल बनाने, 20 लाख प्रति वर्ष से कम टर्न ओवर वाले लोगों के लिए अनिवार्य जीएसटी पंजीकरण अनावश्यक है।
यह छोटे व्यवसायों की किसी भी तरह आवश्यकता में मदद नहीं करती है। एसोसिएशन ने सरकार से इन नियमों पर पुनर्विचार करने और एक अधिक संतुलित नीति की दिशा में काम करने की मांग की।
होम स्टे नीति-2025 राजपत्र में प्रकाशित होने के एक दिन बाद ही एसोसिएशन ने मुख्यमंत्री सुखविंदर सिंह सुक्खू, मुख्य सचिव प्रबोध सक्सेना के अतिरिक्त पर्यटन विभाग के निदेशक विवेक भाटिया, शिमला नगर निगम व केंद्र सरकार के पर्यटन सचिव को भी यह पत्र लिखा है और मांग की है कि ड्राफ्ट को लेकर होम स्टे मालिकों की आपत्तियों पर गौर किया जाए और इसमें संशोधन किया जाए। उन्होंने कहा कि ड्राफ्ट तैयार करते समय हितधारक की राय ली जानी चाहिए थी।