अमृतसर : पंजाब के पूर्व उपमुख्यमंत्री सुखबीर सिंह बादल को एक बार फिर से शिरोमणि अकाली दल का अध्यक्ष नियुक्त किया गया। अमृतसर में सुखबीर सिंह बादल को सर्वसम्मति से पार्टी प्रमुख चुना गया है। सुखबीर सिंह बादल ने पिछले साल 16 नवंबर को अकाल तख्त के आदेश पर पार्टी प्रमुख का पद छोड़ दिया था। हालांकि, पार्टी की वर्किंग कमेटी ने जनवरी 2025 में उनका इस्तीफा स्वीकार किया था।
शिरोमणि अकाली दल ने सुखबीर सिंह बादल को दी बधाई : शिरोमणि अकाली दल ने सोशल मीडिया प्लेटफॉर्म ‘एक्स’ पर एक पोस्ट साझा कर सुखबीर सिंह बादल के पार्टी का अध्यक्ष बनने की जानकारी दी। पार्टी ने पोस्ट में कहा, ”पंजाब के विकास पुरुष सुखबीर सिंह बादल को शिरोमणि अकाली दल का अध्यक्ष बनने पर बधाई। सुखबीर सिंह बादल पंथ और पंजाब के अधिकारों की दृढ़ता से रक्षा करें और पंजाब को फिर से समृद्ध बनाएं।”
2008 में पहली बार बने अध्यक्ष : सुखबीर सिंह बादल लंबे समय से शिरोमणि अकाली दल के प्रमुख चेहरों में से एक रहे हैं. वह पहली बार 2008 में पार्टी अध्यक्ष बने थे और तब से कई बार इस पद पर चुने जा चुके हैं. उनके पिता और पंजाब के पूर्व मुख्यमंत्री प्रकाश सिंह बादल के निधन के बाद उन्होंने पार्टी की कमान पूरी तरह संभाली. हालांकि, पिछले कुछ साल में पार्टी को कई चुनौतियों का सामना करना पड़ा, जिसमें 2022 के विधानसभा चुनावों में हार और कुछ नेताओं का पार्टी छोड़ना शामिल है।
कौन हैं सुखबीर सिंह बादल? : सुखबीर सिंह बादल, पंजाब के 5 बार मुख्यमंत्री रहे स्वर्गीय प्रकाश सिंह बादल के बेटे हैं। उन्होंने कई विधानसभा चुनावों के दरमियां पार्टी की कमान संभाली है। हाल के वर्षों में किसानों से जुड़े मुद्दों को लेकर ‘राजग’ से बाहर निकलने के बाद उन्होंने पार्टी को फिर संभाला है।
‘पंजाब के हितों की रक्षा करना लक्ष्य : सुखबीर सिंह बादल ने अध्यक्ष चुने जाने के बाद सभी नेताओं और कार्यकर्ताओं का आभार व्यक्त करते हुए कहा, “हमारा लक्ष्य पंजाब के हितों की रक्षा करना और अकाली दल को और मजबूत करना है।
नए सिरे से हुआ चुनाव
पार्टी में नए सिरे से सदस्यता अभियान चलाकर अब अध्यक्ष का चुनाव कराया गया है. हालांकि पार्टी के बागी गुट के नेता इस चुनाव को श्री अकाल तख्त साहिब के आदेशों की अवहेलना बता रहे हैं. दरअसल जब सुखबीर बादल और अन्य अकाली नेताओं को अकाल तख्त ने तनखाहिया घोषित किया था इस वक्त अकाल तख्त ने शिरोमणि अकाली दल का सदस्यता अभियान चलाने के लिए एक सात सदस्यीय कमेटी बनाई थी।
‘नए नेताओं को देंगे मौका’ : पार्टी सूत्रों का कहना है कि सुखबीर अब संगठन को मजबूत करने और नए नेताओं को मौका देने पर ध्यान देंगे. पंजाब में 2027 के विधानसभा चुनावों को देखते हुए सुखबीर ने कार्यकर्ताओं से एकजुट होकर काम करने की अपील की है।
कांग्रेस ने कसा तंज : वहीं कांग्रेस के पंजाब अध्यक्ष अमरिंदर सिंह राजा वडिंग ने कहा कि सुखबीर बादल तो पहले से ही अध्यक्ष थे वो तो बीच में उनकी बेटी की शादी थी, इसलिए उन्होंने सोचा होगा कि कुछ छुट्टी ले ली जाए. उन्होंने कहा कि सुखबीर सिंह बादल ने अकाल तख्त के आदेशों को नहीं माना है।