पंजाब के पड़ोसी राज्य हरियाणा में अब कुछ ही महीनों में चुनाव होने वाले हैं। भाजपा शासित हरियाणा में होने वाले विधान सभा चुनावों में आम आदमी पार्टी अकेले दम पर चुनाव लड़ने का फैसला कर लिया है। पंजाब के मुख्यमंत्री और आम आदमी पार्टी के वरिष्ठ नेता भगवंत मान ने गुरुवार को एक बार फिर दोहाराया कि आम हरियाणा चुनाव में किसी भी पार्टी के साथ गठबंधन नहीं करेगी अकेले दम पर चुनाव लड़ेगी।
बता दें विपक्षी इंडिया अलायंस में शामिल आम आदमी पार्टी ने लोकसभा चुनाव में जहां दिल्ली में कांग्रेस के साथ गठबंधन करके चुनाव लड़ा था और एक भी सीट नहीं जीत पाई थी। वहीं पंजाब में आम आदमी पार्टी ने अकेल दम पर लोकसभा चुनाव लड़ी और 3 सीटों पर जीत हासिल की थी। इसके बाद दो सप्ताह पहले जलांधर पश्चिम उपचुनाव में भी आम आदमी पार्टी ने अकेले दम पर चुनाव लड़ा था और उसमें जीत हासिल की थी। वहीं अब दिल्ली और पंजाब के बाद हरियाणा जहां पर सत्ता पर काबिज होने का सपना आम आदमी पार्टी संजोए बैठी है वहां पर अकेले दम पर आम आदमी पार्टी आगामी विधानसभा चुनाव लड़ेगी।
क्यों आम आदमी पार्टी ने लिया ये निर्णय : लोकसभा चुनाव के बाद कांग्रेस पार्टी ने आधिकारिक तौर पर अरविंद केजरीवाल की आम आदमी पार्टी (आप) के साथ अपना गठबंधन खत्म कर दिया है। दोनों पार्टियों ने पहले विपक्ष के इंडिया गठबंधन के तहत कई राज्यों में लोकसभा चुनावों के लिए हाथ मिलाया था लेकिन दिल्ली समेत अन्य राज्यों में होने वाले चुनावों में ये दोनों पार्टियां एक दूसरे से प्रतिद्वंद्वी के तौर पर प्रतिस्पर्धा करेंगे।
हरियाणा में कांग्रेस को उम्मीद है कि वह लोकसभा चुनाव में अपने मजबूत प्रदर्शन को बरकरार रखेगी। पार्टी ने दस में से पांच सीटें जीतीं, जिससे भाजपा के नतीजों पर काफी असर पड़ा। केजरीवाल की आप पार्टी राज्य में तीसरे स्थान पर रही। इसलिए उसने अकेले दम पर चुनाव लड़ने का ऐलान किया है।