मंत्री-विधायक ‘सरकार गांव के द्वार’
एएम नाथ। शिमला : नए साल के पहले दिन आज प्रदेश सचिवालय में मंत्रिमंडल की बैठक हुई। बैठक में सिरमौर के हाटी समुदाय को जनजातीय दर्जा दिए जाने पर मुहर लग गई है। कैबिनेट की मंजूरी के बाद सरकार ने इसकी नोटिफिकेशन जारी कर दी है। कैबिनेट में सरकार ने दिव्यांग बच्चों के लिए आधुनिक संस्थान खोलने का भी निर्णय लिया है।
बैठक के बाद मुख्यमंत्री सुखविंदर सिंह सुक्खू ने प्रेस कांफ्रेंस दौरान कहा ने केंद्र से क्लैरिफिकेशन मांगी गई थी। केंद्र की क्लैरिफिकेशन के बाद कैबिनेट ने प्रदेश में हाटी को एसटी दर्जा देने की मंजूरी दे दी है।
इसकी नोटिफिकेशन भी जारी कर दी है। उन्होंने कहा कि वह स्वयं तीन जनवरी को नाहन जाकर लोगों को एसटी कानून के बारे में बताएंगे। मुख्यमंत्री ने कहा कि दिव्यांग बच्चों की पढ़ाई के लिए अब तक स्टैंडर्ड का कोई कालेज नहीं है।
सरकार ने पहले ही दिव्यांग बच्चो को चिल्ड्रन ऑफ स्टेट घोषित किया है। इसे देखते हुए कैबिनेट ने साल के पहले दिन ऐसे दिव्यांग बच्चों के लिए योजना लाने का फैसला लिया है जो आने वाले समय में धरातल पर नजर आएगा।
दिव्यांग बच्चों की गुणवत्ता पूर्ण शिक्षा के लिए अच्छी शिक्षा देने के लिए शिक्षण संस्थान खोले जाएंगे जहां एक जगह ही स्कूल और कॉलेज की पढ़ाई करवाई जा सके।
उन्हों ने कहा कि जिन युवाओं के पास ग्रामीण इलाकों में तीन बीघा जमीन है। वह अपनी जमीन पर सोलर प्रोजेक्ट लगा सकता है 100 किलोवाट के प्रोजेक्ट के लिए युवाओं को मात्र 4 लाख रुपए सिक्योरिटी जमा करानी होगी। इसकी इक्विटी सरकार देगी।
प्रोजेक्ट लगने के बाद युवाओं को कम से कम कम 20 हजार रुपए प्रत्येक माह सरकार देगी। सालाना 2.40 लाख रुपए सरकार से मिलेगा। यह राशि 25 साल तक मिलती रहेगी।
सीएम सुक्खू ने बताया कि 8 जनवरी से ‘सरकार गांव के द्वार’ पर कार्यक्रम शुरू करेगी। जिसमे सभी मंत्री, कांग्रेस विधायक अपने विधानसभा क्षेत्र में गांव गांव जाकर सरकार के कामों को जनता के बीच रखेंगे।
उन्होंने कहा कि 8 जनवरी से 12 फरवरी तक यह कार्यक्रम चलेंगे। विधायक और पार्टी प्रत्याशी रोजाना दो-दो पंचायतों में जाएंगे और प्रदेश सरकार की योजनाओं को जन-जन तक पहुचाएंगे।