चंडीगढ़ :हिमाचल प्रदेश के डिप्टी मुख्यमंत्री मुकेश अग्निहोत्री ने कहा- पंजाब पुनर्गठन के बाद हिमाचल चंडीगढ़ की 7.19% जमीन का हकदार है और इसे लेकर रहेंगे। जरूरत पड़ी तो हम कानूनी कदम भी उठाएंगे। इस मसले पर वहां के नेताओं से बात की जाएगी। डिप्टी मुख्यमंत्री मुकेश अग्निहोत्री ने कहा कि पंजाब के एक नेता ने कहा कि यह पंजाब व हरियाणा का मसला है, हिमाचल इसे न उठाए, लेकिन पंजाब पुनर्गठन एक्ट में हिमाचल की जनसंख्या, संसाधन और विकास को आधार माना गया है, ऐसे में चंडीगढ़ की प्रॉपर्टी पर हिमाचल का भी हिस्सा बनता है। जरूरत पड़ी तो राजनीतिक मंच पर इस बात को उठाया जाएगा। अग्निहोत्री से यह सवाल उस वक्त हुआ, जब रविवार को वह चंडीगढ़ के सेक्टर-34 में आयोजित इलेक्ट्रिकल व्हीकल एक्सपो 2023 में बतौर मुख्य अतिथि हिस्सा लेने पहुंचे थे।
हिमाचल के पक्ष में कोर्ट भी फैसला सुना चुका :
सुप्रीम कोर्ट ने 27 सितंबर 2011 को फैसला सुनाया था कि पंजाब पुनर्गठन अधिनियम के तहत हिमाचल चंडीगढ़ की 7.19% जमीन का हकदार है। पूर्व में आई राज्य सरकारें भी अलग-अलग मंच पर चंडीगढ़ की प्रॉपर्टी पर अपने दावे पेश कर चुकी हैं। पूर्व की जयराम सरकार ने भाखड़ा नंगल पावर प्रोजेक्ट से तैयार होने वाली 7.91% बिजली पर अपना हक जताया था। इस मुद्दे सहित पंजाब, दिल्ली, हरियाणा, राजस्थान को पानी और बिजली देने की रॉयल्टी के मामले अब सिर्फ बयान और शिगूफे रह गए हैं। कोर्ट तक से फैसले के बाद भी हिमाचल को इसका हक नहीं मिल पाया।
हिमाचल चंडीगढ़ की 7.19% जमीन का हकदार है और इसे लेकर रहेंगे : मुकेश अग्निहोत्री
Feb 06, 2023