ऊना :हिमाचल प्रदेश में पेट्रोल व डीजल की कमी को लेकर हालात खराब हो चुके हैं। प्रदेश की राजधानी शिमला सहित ऊना में हालात इस समय सबसे खराब हैं, जबकि कांगड़ा और हमीरपुर जिला के आलमपुर सहित कुछ पेट्रोल पंपों में लिमिट में ही ईंधन डाला जा रहा है। सैलानी, किसान , उधोगपति,ट्रांसपोर्टर सहित आम लोग परेशान है । लेकिन सरकार सौ रही है। अगर समस्या का समाधान जल्ट नही हुआ तो भारतीय किसान यूनियन संघर्ष शुरू करेगी।
एचपीसीएल व बीपीसीएल के पेट्रोल पंपों से वाहन चालक बिना तेल डलवाए बैरंग ही वापस लौट रहे हैं। प्रदेश में ईंधन की कमी का असर पंप संचालकों व प्रदेश की जनता के साथ-साथ देवभूमि में आने वाले सैलानियों पर भी पड़ रहा है। मंडी जिला की बात की जाए, तो शहर और सरकाघाट के पेट्रोल पंपों पर इसी प्रकार की दिक्कत जारी है। कंपनियों की तरफ से ईंधन की सप्लाई में कमी को लेकर जिला ऊना के पंप संचालकों का एक प्रतिनिधिमंडल सोमवार को डीएफएससी ऊना राजीव शर्मा से मिला और ईंधन शॉर्टेज की समस्या को लेकर ज्ञापन सौंपा है। पंप संचालकों का कहना है कि एडवांस में पैसे देने के बावजूद कंपनी द्वारा उन्हें डिमांड के मुताबिक ईंधन उपलब्ध नहीं करवाया जा रहा है, जिससे पंप पर ईंधन की कमी आ रही है और कस्टमर खाली ही वापस जा रहे हैं।
पंप मालिकों का कहना है कि कई राज्यों से हिमालच प्रदेश में पेट्रोल व डीजल की कीमतें भी काफी कम हैं, जिसके चलते सैलानी जहां पेट्रोल भरवाना ही उचित समझते हैं। अगर आउटलेट पर ही ईंधन उपलब्ध नहीं होगा, तो फिर कस्टमर की डिमांड को कैसे पूरा किया जाएगा। बता दें कि ऊना जिला में विभिन्न कंपनियों के 80 के करीब आउटलेट हैं, जिनमें एचपीसीएल व बीपीसीएल के आउटलेट्स की संख्या सबसे अधिक है। जिला में रोजाना हजारों कस्टमर्स को करीब पांच लाख लीटर ईंधन की आपूर्ति एचपीसीएल व बीपीसीएल के आउटलेट से होती है, लेकिन अब ईंधन की कमी के चलते इसको पूरा करने में भारी परेशानी हो रही है।
वर्णनीय है कि पंजाब के मुकाबले में हिमाचल में पेट्रोल करीब अढ़ाई और डीजल लगभग सात रुपए सस्ता है, इसलिए सैलानी हिमाचल में ही तेल डलवाना पसंद करते हैं, लेकिन उन्हें मांग के अनुसार ईंधन उपलब्ध नही हो पा रहा है। जिस कारण रोजाना हिमाचल आ रहे सैलानियों को भारी परेशानी का सहनन कर्ण पढ़ रहा है। ज्यादतर पंप बाले इस समय बाइक में 100, गाड़ी में 300 से ज्यादा का ईधन नहीं डाल रहे। जिसे हालातो का चिंताजनक होने का साफ पता चल रहा है।
भारतीय किसान यूनियन ब्लॉक ऊना के अध्यक्ष जरनैल सनोली :
सरकार और प्रशासन को इस और तुरन्त ध्यान देना चाहिए। केंद्र और प्रदेश में भाजपा की सरकारें है। देश के बिभिन कोनो से और विदेशों से आ रहे सैलानियों सहित प्रदेश के किसान , उधोगपति, आम लोग परेशान हो रहे है। हिमाचल की जयराम ठाकुर सरकार को तुरंत केन्द्री पेट्रोलियम मन्त्री से बात कर इस समस्या का समाधान निकलना चाहिए अन्यथा भारतीय किसान यूनियन संघर्ष में लिए मजबूर होगी। जिसकी जिम्मेवारी सरकार की बोगी।