राजनीति से प्रेरित फैसलों से प्रदेश का नुकसान कर रहे हैं सुखविंदर सिंह सुक्खू
उचित प्लेटफॉर्म पर हिमाचल का पक्ष रखकर प्रदेश के विकास में सकारात्मक भूमिका निभाए मुख्यमंत्री
एएम नाथ। शिमला :
पूर्व मुख्यमंत्री व नेता प्रतिपक्ष जयराम ठाकुर ने शिमला से जारी बयान में हिमाचल सरकार द्वारा नीति आयोग की बैठक का बहिष्कार करने के फैसले को दुर्भाग्यपूर्ण बताया है। राजनीति से प्रेरित होकर मुख्यमंत्री प्रदेश के हितों के साथ खिलवाड़ कर रहे हैं। 27 जुलाई को होने वाली बैठक की अध्यक्षता प्रधानमंत्री द्वारा की जानी है, जिसमे वित्तमंत्री भी प्रमुख रूप से उपस्थित रहेंगी। इस बैठक के माध्यम से सरकार द्वारा प्रदेश के हितों के लिए अधिक से अधिक वित्तीय सहायता और परियोजनाओं को दिए जाने के संबंध में प्रदेश सरकार के सामने अपना पक्ष रख सकती है। इन मांगों पर केंद्र सरकार गंभीरता से विचार करती है। मुख्यमंत्री द्वारा ऐसी महत्वपूर्ण मीटिंग का राजनीति से प्रेरित होकर बहिष्कार करना प्रदेश के हित में नहीं है। इस तरह की राजनीति हमेशा प्रदेश के विकास के लिए हानिकारक होती है। प्रदेश के हितों से समझौता करके राजनीति नहीं की जा सकती है। नीति आयोग की बैठक का बहिष्कार करने के फैसले की जितनी निंदा की जाए उतनी कम है। मुख्यमंत्री को इस बैठक में शामिल होकर हिमाचल के हितों से जुड़ी परियोजनाओं के लिए सहयोग मांगा जाना चाहिए। उन्होंने कहा कि प्रदेश के विकास के मुद्दों को राजनीति से अलग रखना चाहिए। कांग्रेस हाई कमान द्वारा नीति आयोग की महत्वपूर्ण मीटिंग को बॉयकॉट करने के निर्देश देना निराशाजनक है।
नेता प्रतिपक्ष ने कहा कि इस बार के आम बजट में हिमाचल प्रदेश का विशेष ख्याल रखा गया है। आपदा से हुए नुकसान के पुनर्निर्माण के लिए बजट में प्रावधान करने और प्रधानमंत्री ग्रामीण सड़क योजना के चौथे फेज की घोषणा स्वागत योग्य कदम है। इससे पूरे प्रदेश के लोग लाभान्वित होंगे। बजट में हिमाचल के लिए वित्तीय प्रावधान किए जाने के बाद भी राज्य सरकार द्वारा केन्द्र केंद्र सरकार के लिए आभार का एक शब्द भी नहीं कहा गया इसके अलावा बजट में 1.5 लाख करोड़ रुपये का प्रबंधन किया गया है जो राज्यों को बिना किसी ब्याज के लंबी अवधि के लिए दिया जायेगा। इसमें से भी हिमाचल को निर्धारित धनराशि मिलेगी जो प्रदेश के विकासात्मक कार्यों के लिए खर्च की जा सकेगी।
जयराम ठाकुर ने कहा कि बजट में हर वर्ग के सशक्तिकरण की बात की गई है। गरीबों, किसानों, महिलाओं और युवाओं को समर्पित है। बजट विकसित भारत के संकल्प को हासिल करने में अहम भूमिका निभाएगा। यह बजट रक्षा अनुसंधान से लेकर, अंतरिक्ष शोध, बायोटेक्नोलॉजी, संचार तकनीकी, स्वास्थ्य सेवाओं, कृषि उत्पादन- भंडारण एवं वितरण के क्षेत्र में ऐतिहासिक उपलब्धियों का मार्ग भी प्रशस्त करेगा। आयकर में स्टैंडर्ड डिडक्शन और स्लैब में हुए परिवर्तन से हिमाचल प्रदेश की लाखों लोगों को राहत मिलेगी। जनहितकारी और आम जन जीवन में परिवर्तनकारी बजट का इंडी ब्लॉक की सरकारों द्वारा किया जा रहा विरोध राजनीति से प्रेरित और दुर्भाग्यपूर्ण है। जो प्रदेश के विकास की राह में सिर्फ रोड़े अटकाने का काम करेगा।