होशियारपुर/दलजीत अजनोहा : भारत आने वाले खतरे को देखते हुए अपने नागरिकों की सुरक्षा को सुनिश्चित करने के लिए इमरजेंसी के दौरान जो कार्य किए जाते हैं उनकी रिहर्सल लगातार कर रहा है। इन सब कार्यों के लिए होशियारपुर में स्थानीय घंटाघर में एक जंतर जिसे “घुगु” कहते थे वह लगा हुआ होता था और किसी भी आपातकाल की स्थिति में इस जंतर से निकलने वाली आवाज लगभग 20 किलोमीटर के दायरे में सुनाई देती थी यह यंत्र केवल आपातकाल में काम करता था बल्कि आज के समय में यह एक अति प्राचीन वस्तु की जगह ले चुका था , इसी तरह घंटाघर में प्राचीन घड़ी भी लगी हुई थी जिसे अब बदल दिया गया प्रश्न यह है की बदले गए यह यंत्र जिनकी आज अंतरराष्ट्रीय मार्केट में लाखों की कीमत है और हमें अपनी आने वाली पीढियां के लिए इन प्राचीन वस्तु” को संभाल कर रखना चाहिए था , क्या प्रशासन बताया कि यह यंत्र कहां गए
तलवाड ने कहा यह अपने आप में एक विशेष किस्म का भ्रष्टाचार है जिसकी तह तक जाना जरूरी है उन्होंने लोकल बॉडी मिनिस्टर को पत्र लिखकर मांग की इन प्राचीन वस्तुओं की गुमशुदा की सारी तफशिश करवा कर इन्हें होशियारपुर के साधु आश्रम म्यूजियम में रखा जाए ।