चंडीगढ़: पंजाब मंडी बोर्ड के चेयरमैन हरचंद सिंह बरसट के नेतृत्व में किसान भवन में बोर्ड आफ डायरेक्टर्ज की मीटिंग हुई। जिसमें, पंजाब मंडी बोर्ड से संबंधित एजैंडों पर विस्तार से चर्चा की गई और 1,146 करोड़ रुपए का वार्षिक बजट पारित किया गया। इस दौरान हरचंद सिंह बरसट ने अपने एक वर्ष के कार्यकाल का विस्तृत ब्यौरा दिया। उन्होंने कहा कि केंद्र सरकार द्वारा मंडी बोर्ड का आर.डी.एफ. रोकने के कारण गांवों की लिंक सड़कों, मंडियों और ग्रामीण क्षेत्रों का विकास रुका पड़ा है।
इसलिए, मंडी बोर्ड की आमदन बढ़ाने के लिए बीते एक साल में विशेष योजनाएं बनाई गई हैं, जिनको जल्द से जल्द पूरा किया जा रहा है। उन्होंने बताया कि इसके लिए पंजाब की मंडियों में खाली पड़े प्लाटों की बोली करवाई जा रही है और नई आधुनिक फल एवं सब्जी मंडी सैक्टर65ए मोहाली में जहां रैगुलर मॉनिटरिंग करते हुए 7 दुकानें बेची जा चुकी हैं, वहीं यूजर चार्जिज में भी बढ़ौतरी दर्ज की गई है, जहां वर्ष 2021-22 के दौरान 24 लाख रुपए और वर्ष 2022- 23 के दौरान 35 लाख रुपए प्राप्त हुए हैं, वहीं आगामी वित्तीय वर्ष 2024- 25 के दौरान लगभग 45 लाख रुपए का ठेका तय हुआ है।
इस अवसर पर चेयरमैन हरचंद सिंह बरसट ने गांव महमदपुर पंचायत से संदीप सिंह, तरनतारन सिंह, भजन सिंह वालिया, कुलवंत सिंह, चरण सिंह, गुरजीत सिंह और कुलविंदर सिंह को सम्मानित किया और जल्द ही महमदपुर में सब-यार्ड बनाने का आश्वासन दिया। इसके बाद हास्पीटेलिटी का कोर्स करने वाले किसान भवन के 30 कर्मचारियों को प्रमाण पत्र देकर सम्मानित किया गया।
महमदपुर गांव के लोगों ने 83 बीघे जमीन मंडी बोर्ड को दान दी
चेयरमैन ने आगे बताया कि महमदपुर गांव के लोगों द्वारा कुल 83 बीघे जमीन मंडी बोर्ड को दान दी गई है, जहां जल्द ही सब-यार्ड का निर्माण कराया जाएगा। किसानों एवं लोगों की सुविधा के लिए किसान भवन एवं किसान हवेली में कमरों की ऑनलाइन बुकिंग वैब पोर्टल के माध्यम से की जा रही है। इसके साथ ही अप्रैल 2023 में जहां आय 7,08,350 रुपए थी, वहीं जनवरी 2024 तक यह बढ़कर 37,37,881 रुपए हो गई है।
उन्होंने कहा कि पंजाब के युवाओं को नशे से बचाने के लिए ऑफ सीजन के दौरान मंडियों में बने बड़े-बड़े कवर्ड शैडों में इनडोर गेम्स भी शुरू किए गए हैं, जिसकी शुरूआत मार्कीट कमेटी रामपुरा फूल द्वारा मंडी में बच्चों को स्केटिंग की ट्रेनिंग देने के साथ की गई है और इसी प्रकार खेल विभाग से बात करके अन्य मंडियों में भी खेल प्रशिक्षण शुरू किया जा रहा है। उन्होंने कहा कि पिछली सरकारों द्वारा लिए गए लगभग 2000 करोड़ रुपए के ऋण की किस्तें भी चुकाई जा चुकी हैं।