ऊना, 14 दिसम्बर – ज़िला स्तरीय बैंक सलाहकार एवं समीक्षा बैठक जिला परिषद हॉल में अतिरिक्त उपायुक्त महेंद्र पाल गुर्जर की अध्यक्षता में सम्पन्न हुई। बैठक में दूसरी तिमाही में बैंकों द्वारा लक्ष्यों के बदले उपलब्धियों की समीक्षा करते हुए एडीसी ने बताया कि ज़िला के बैंकों ने सितम्बर 2023 तक 2401.56 करोड़ के ऋणों के वार्षिक लक्ष्य के बदले 1362.05 करोड़ के ऋण वितरित किए। उन्होंने बताया कि बैंकों की जमा राशि 13422.88 करोड़ हो गयी है, इसमें 13.29 प्रतिशत वार्षिक दर से वृद्धि हुई है जबकि ऋण 9.58 प्रतिशत की दर से बढ़ कर 4027.78 करोड़ हो गया है। ज़िला का ऋण जमा अनुपात बर्ष में 30.01 प्रतिशत हो गया है। ज़िला का ऋण जमा अनुपात राष्ट्रीय लक्ष्य 60 प्रतिशत की अपेक्षा कम है। एडीसी ने कहा कि बैंकों का ऋण जमा अनुपात सुधारने के लिए बैंक और सरकारी विभाग भरसक प्रयास करें।
एडीसी ने बताया कि ज़िला में बैंकों ने 30 सितम्बर, 2023 तक 64,896 कृषि कार्ड किसानों को वितरित किए हैं और सितम्बर तिमाही में बैंकों ने 917 कृषि कार्ड किसानों को वितरित किए है। उन्होंने बताया कि बैंकों का कृषि ऋण 765.66 करोड़ है जोकि कुल ऋणों का 19.01 प्रतिशत है। एडीसी ने बैंकों को निर्देश दिए कि ज़िला की जनता के जीवन स्तर को सुधारने के लिए हर संभव मदद करें तथा किसानो की आय बढ़ाने के लिए आवश्यक ऋण वितरित करने चाहिए।
एडीसी ने कहा कि बैंकों को वार्षिक ऋण योजना के अंतर्गत निधारित लक्ष्यों को समय पर प्राप्त करने करने के निर्देश दिए ताकि लोगों की आर्थिक जरूरतों को पूरा किया जा सके। इसके अतिरिक्त अधिक से अधिक कृषि कार्ड बाँटने, कृषि औजारों हेतु ऋण प्रदान करने तथा लघु उद्योगों को बढ़ावा देने के लिये प्रोत्साहित करने को कहा। उन्होंने कहा कि प्रधानमंत्री की सामाजिक सुरक्षा बीमा योजना के अंतर्गत लोगों को फायदा पहुंचाने हेतु सभी बैंक और सरकारी/गैरसरकारी अधिकारी भरसक योगदान दें ताकि अधिक से अधिक किसानों को प्रधानमंत्री की फसल बीमा योजना में शामिल किया जा सके।
अतिरिक्त उपायुक्त ने वार्षिक ऋण योजना के अंतर्गत बैंकों की उपलब्धियों पर संतोष व्यक्त किया तथा उन्होंने कहा कि प्राथमिक क्षेत्र में ये उपलव्धि काफी कम है जिसके लिए सभी बैंक अपनी स्थिति को सुधारने और जमा ऋण अनुपात बढ़ाने के लिए जरूरी कदम उठाएं। उन्हांेने भारत सरकार द्वारा निर्धारित लक्ष्यों तथा नीतियों का पालन करने हेतु बैंकों तथा सरकारी विभागों कों दिशा निर्देश दिये।
उन्होंने बैंकों को निर्देश दिये कि जिला में अधिक से अधिक लोगों को विभिन्न बैंको की ऋण योजनाओं का लाभ उठाने के लिए जागरूकता शिविर लगाएं जिससे आम लोग लाभान्वित हो सके। उन्होने सभी बैंको को निर्देश दिए कि सरकार प्रायोजित योजनाओं के तहत ऋण आवेदनों को समय पर मंजूरी दें।
एडीसी ने जिला में स्वयं सहायता समूह, ज्वांइट लाइबिल्टी गु्रप तथा नये किसान क्लब बनाने तथा ज्यादा से ज्यादा किसानो को कृषि कार्ड देने प्रदान करने को कहा। इसके अलावा एडीसी ने बताया कि एग्रीकल्चर इंश्योरेंस कम्पनी द्वारा प्रधानमंत्री फसल बीमा योजना के तहत जिला के किसानों की आलू की फसल का बीमा 31 दिसम्बर तक किया जाएगा। उन्होंने बताया इस योजना के तहत किसान द्वारा देय प्रीमियम राशि 250 रूपये प्रति कनाल है और बीमित राशि 5000 रूपये प्रति कनाल है। उन्होंने बताया कि जो भी किसान आलू की फसल का बीमा करवाने चाहते हैं वह नजदीकी लोकमित्र केंद्र में आधार कार्ड, बैंक पासबुक, जमीनी फर्द एवं फसल बुआई प्रमाण पत्र लेकर अपना बीमा करवा सकते हैं। उन्होंने बताया कि गतवर्ष जिला में 436 आलू उत्पादकों को 34.30 लाख प्रीमियम के बदले 1.60 करोड़ रूपये की बीमा राशि प्रदान की गई थी।
बैठक में पंजाब नेशनल बैंक के मुख्य प्रबन्धक युवराज आनंद, मुख्य ज़िला अग्रणी बैंक प्रबन्धक गुरचरण भट्टी, जिला विकास अधिकारी भारतीय रिजर्व बैंक से आशीष सांगडा, नाबार्ड के ज़िला विकास प्रबन्धक सबरीना राजवंशी,, स्टेट डायरेक्टर आरसेटी जेपी सिंह, आरसेटी निर्देशक संदीप ठाकुर, उप निदेशक उद्यान डॉ केके भारद्वाज, उपनिदेशक कृषि डाू कुलभूष धीमान सहित विभिन्न बैंकों के ज़िला समन्वयकों तथा सरकारी/ गैर सरकारी अधिकारियों ने भाग लिया।