प्रधानमंत्री फसल बीमा योजना की जिला स्तरीय निगरानी समिति की बैठक आयोजित
एएम नाथ। चम्बा : रबी मौसम में प्रधानमंत्री फसल बीमा योजना व मौसम आधारित फसल बीमा योजना के बेहतर कार्यान्वयन हेतु जिला स्तरीय निगरानी समिति की बैठक उपायुक्त चंबा मुकेश रेपसवाल की अध्यक्षता में एनआईसी कक्ष में आयोजित हुई।
बैठक में उपायुक्त ने कहा कि वर्ष 2024-25 के रबी मौसम में गेहूं व जौं की फसलों का बीमा प्रधानमंत्री फसल बीमा योजना के अंतर्गत 15 दिसंबर तक किया जाएगा।
उपायुक्त ने कहा कि इस रबी मौसम में जिला चम्बा में गेहूं व जौं की फसल का बीमा कृषि विभाग से मान्यता प्राप्त क्षेमा जनरल इंश्योरेंस लिमिटेड कंपनी द्वारा किया जायेगा I
उन्होंने बताया कि पिछले रबी मौसम में जिला चम्बा के 5731 किसानों ने गेहूं व जौं की फसलों का बीमा करवाया था। जिसके लिए विभिन्न किसानों के द्वारा 10 लाख 24 हज़ार रूपये का प्रीमियम दिया था।
उपायुक्त ने कहा कि पिछले बर्ष खरीफ फसल के मौसम में जिला चम्बा में सूखे की स्थिति से हुए नुक्सान का आकलन करने के पश्चात यह पाया कि जिला के 1776 किसान फसल बीमा के अंतर्गत मुआवजे के लिए योग्य हैं। अब तक क्षेमा जनरल इन्स्योरेन्स कंपनी द्वारा 7 लाख रूपये मुआवजे की धनराशि किसानों के बैंक खाते में जमा करवा दी गयी है। उन्होंने कहा कि इस योजना का लाभ केवल उन्ही किसानों को दिया जाता है जो किसान इसके लिए 15 दिसम्बर से पूर्व प्रीमियम अदा करते है। इसी प्रकार मौसम आधारित फसल बीमा के अंतर्गत मुआवजे के लिए 17 लाख 11 हज़ार 273 रूपये मुआवजे की धनराशि किसानों के बैंक खाते में जमा करवा दी जाएगी। जिसमें जिला के किसानों को मटर, टमाटर और पत्ता गोभी के लिए मुआवजा दिया गया हैं।
उपायुक्त ने बताया कि गेहूं की फसल का बीमा करवाने के लिए 72 रूपये प्रति बीघा की दर से प्रीमियम देना पड़ता है और यदि प्राकृतिक कारणों से फसल को नुक्सान हो जाये तो नुक्सान का आंकलन करने के बाद अधिकतम 4800 रूपये प्रति बीघा की दर से भरपाई की जाती है। इसी प्रकार जौं की फसल का बीमा करवाने के लिए 60 रूपये प्रति बीघा की दर से प्रीमियम देना पड़ता है और प्राकृतिक कारणों से फसल को नुक्सान होने पर अधिकतम 4000 रूपये प्रति बीघा की दर से भरपाई की जाती है। इसलिए सभी किसान किसी भी लोक मित्र केंद्र या जन सेवा केंद्र में जाकर या सीधा पोर्टल के माध्यम से अपनी गेहूं व जौं की फसलों का बीमा करवा सकते है जिसकी अंतिम तिथि 15 दिसंबर निर्धारित की गई है। मुकेश रेपसवाल ने कहा कि इस योजना के अंतर्गत पंजीकृत प्रक्रिया अति सरल है क्योंकि इस योजना में पंजीकृत करवाने के लिए किसी भी लोक मित्र केंद्र में जा कर किसान को केवल अपनी एक फोटो, पहचान पत्र, खेत के खसरा नंबर का सबूत देना होता है। जबकि ऋणी किसानों की फसल का बीमा किसान की इच्छा जानने के बाद बैंक द्वारा स्वतः ही दिया जाता है।
उपायुक्त ने कृषि विभाग एवं प्रबंधन लीड बैंक को निर्देश दिए कि बैंको के माध्यम से केसीसी धारक किसानों के फसल बीमा पर जोर दें एवं 30 हज़ार 270 केसीसी धारको में से कम से कम 15 हज़ार किसानो को फसल बीमा में जोड़ने का प्रयास करें।
बैठक में उपनिदेशक कृषि डॉ विकास कपूर जिला राजस्व अधिकारी जगदीश चंद संख्यान, जिला विकास प्रबंधक नाबार्ड डीसी चौहान, जिला अग्रणी बैंक प्रबंधक हेम राज प्रबंधक व क्षेमा जनरल इंश्योरेंस लिमिटेड से मदन लाल उपस्थित रहे।