जघन्य अपराध के बाद अपराधी अपना स्थान और राज्य छोड़कर फरार हो जाते हैं. सालों तक वह दूर रहकर सोचते हैं कि वह कानून की नजर से बच गए हैं. लेकिन कहा जाता है कि कानून के हाथ बहुत लंबे होते हैं। ऐसा ही मामला सामने आया है जो इस कहावत को सच साबित करती है. दरअसल एक हत्या का आरोपी पिछले 57 साल से फरार था. उसके मिलने की उम्मीद भी नहीं की जा रही थी. लेकिन राजस्थान पुलिस ने हत्या के आरोपी को 57 साल बाद ढूंढ़ निकाला है. जबकि हत्या का आरोपी मजे से दिल्ली में अपनी अलग दुनिया में ऐशो आराम से जिंदगी काट रहा था।
साल 1967 से था फरार : राजस्थान के कोटा के सुकेत में 57 साल पहले हुए हत्या के मामले में आरोपी प्रभु लाल की गिरफ्तारी अब हुई है. यह हत्या साल 1967 में हुई थी जिसके बाद प्रभु लाल फरार चल रहा था. जिस वक्त उसने हत्या की थी उस वक्त उसकी उम्र 15 साल थी. लेकिन अब बुढ़ापे में करीब 72 साल की उम्र में उसकी गिरफ्तारी हुई है. कोटा ग्रामीण की सुकेत थाना पुलिस के मुताबिक आरोपी प्रभु लाल पर 25 हजार रुपये का नकद इनाम भी घोषित किया गया था।
हुलिया बदलकर बन गया वन क्लास कॉन्ट्रैक्टर : प्रभु लाल ने पुलिस को चकमा देने के पहले राजस्थान छोड़ा और अपना नाम पता और हुलिया बदलकर दिल्ली पहुंच गया. वह दिल्ली के मंगोलपुरी में था. वहीं 57 साल से वह न तो अपने गांव वापस लौटा था और न ही अपने किसी रिश्तेदार से संपर्क किया था. फरार आरोपियों की तलाश के लिए शुरू किए गए अभियान के तहत मुखबिर से आरोपी प्रभु लाल के बारे में पुलिस को इनपुट मिला और आरोपी को दिल्ली के मंगोलपुरी से गिरफ्तार किया. पुलिस के मुताबिक आरोपी दिल्ली के मंगोलपुरी में ऐशो आराम से अपने परिवार के साथ अपना गुजर बसर कर रहा था. दिल्ली में प्रभु लाल मकान बनाने की ठेकेदारी कर रहा था और वह दिल्ली में वन क्लास कॉन्ट्रेक्टर बन गया था।
35 रुपये के लिए कर दी थी हत्या : सुकेत थाने के थाना अधिकारी छोटू लाल के मुताबिक आरोपी प्रभु लाल ने सन 1967 में महज 35 रुपये की लेनदेन के लिए भवाना दर्जी की हत्या कर दी थी. प्रभु लाल ने भवाना दर्जी को 35 रुपये में साइकिल बेची थी. वहीं कुछ दिनों बाद प्रभु लाल ने 35 रुपये देकर भवाना दर्जी से साइकिल वापस मांगी तो इस दौरान दोनों के बीच कहा सुनी हो गई. इसके बाद प्रभु लाल ने पत्थर से हमला कर भवाना दर्जी की हत्या कर दी थी. इस घटना के बाद वह वहां से फरार हो गया और आज तक उसकी तलाश की जा रही थी।