शिमला : हिमाचल प्रदेश के विधानसभा चुनाव में 1982 में आई कांग्रेस की सरकार ने लगातार दो बार जीत हासिल की। जिसके बाद हर चुनाव में बारी-बारी कर दोनों पार्टियां सत्ता में आती रही। 1990 में दो बार जीती कांग्रेस सरकार को हराकर आगे आई भाजपा को अगले चुनाव में हार का सामना करना पड़ा। हिमाचल में 1982 के बाद से अबतक 9 बार हुए चुनावों में 5 बार कांग्रेस की जीत हुई जबकि चार बार भाजपा की सरकार रही। कांग्रेस पार्टी ने हर चुनाव में वीरभद्र के नाम पर ही दाव खेला। जबकि भाजपा मुख्यमंत्रियों के चेहरे बदलते दिखाई दिए। बता दें कि 1982 में हुए नई मैदान में आई भाजपा की सरकार के साथ हुए पहले चुनाव में कांग्रेस की जीत हुई तथा वीरभद्र सिंह पहली मुख्यमंत्री बने। लेकिन ये सरकार 1985 तक ही चली। इसके बाद 1985 में दोबारा से चुनाव हुए तथा फिर से कांग्रेस की ही जीत हुई तता वीरभद्र सिंह दूसरी बार मुख्यमंत्री बने। इसके बाद 1990 में चुनाव हुए तथा बाजी पलट कर बीजेपी के शांता कुमार के हाथ में आ गई। लेकिन ये सरकार दो वर्षों में ही गिर गई। जिसके बाद 1993 में चुनाव हुए तथा कांग्रेस के मुख्यमंत्री रहे वीरभद्र सिंह ने सरकार बनाई तथा 1998 (पूरे 5 वर्ष) तक राज किया। इसके बाद 1998 में हुए चुनाव में पाला भाजपा के हाथ में आ गया तथा प्रेम कुमार धूमल भाजपा की ओर से मुख्यमंत्री बने। जो 2003 तक मुख्यमंत्री रहे। 2003 में हुए चुनाव में कांग्रेस के वीरभद्र के नेतृत्व वाली सरकार ने 2007 तक राज किया। 2007 में फिर से भाजपा ने धूमल पर दाव खेला तथा जीत हासिल की। 2012 में हुए चुनाव में एक बार फिर से 2012 से 2017 तक वीरभद्र सिंह के नेतृत्व वाली कांग्रेस की सरकार बनी तथा वर्तमान में 2017 से 2022 तक जयराम ठाकुर के नेतृत्व में भाजपा सरकार बनी।
2017 के बाद दूसरा विधानसभा चुनाव, जिसमें नोटा बटन दबाने का विकल्प :
हिमाचल प्रदेश में वर्ष 2017 के बाद यह दूसरा विधानसभा चुनाव होगा, जिसमें मतदाताओं को नोटा (नन ऑफ द एबव) का बटन दबाने का विकल्प मिल रहा है। वर्ष 2017 में नोटा को 34 हजार 232 वोट मिले थे। जिसमें जोगिंद्रनगर में सर्वाधिक 1162, शाहपुर में 1010 मतदाताओं ने नोटा के विकल्प चुना था। इससे पहले वर्ष 2014 के लोकसभा चुनाव में चारों सीटों पर हिमाचल प्रदेश में नोटा के तहत 29 हजार 155 वोट मिले थे। वर्ष 2019 के लोकसभा चुनाव में 33 हजार 8 मतदाताओं ने नोटा का विकल्प चुना था। जिसमें धर्मशाला सीट पर 11 हजार 327, मंडी में 5 हजार 298, हमीरपुर में 8 हजार 26 और शिमला में 8 हजार 357 वोट नोटा में मिले थे। मंडी लोकसभा सीट सहित अर्की, जुब्बल-कोटखाई और फतेहपुर विधानसभा सीटों पर नवंबर 2021 में हुए उपचुनाव में 14 हजार 852 लोगों ने नोटा का बटन दबाया था।
1982 से 90 तक रहा कांग्रेस का जोर : फिर हर चुनाव भाजपा व कांग्रेस के रूप में बारी-बारी बदली सरकार
Nov 12, 2022