अमृतसर। खडूर साहिब से सांसद व खालिस्तान समर्थक अमृतपाल सिंह के दो करीबी साथी पप्पलप्रीत सिंह और कुलवंत सिंह राऊके को वीरवार को अजनाला अदालत में पेश किया गया। दोनों पहले से ही एक अन्य केस में जेल में बंद थे, जिन्हें प्रोडक्शन वारंट के जरिए अदालत लाया गया।
अदालत ने पुलिस द्वारा मांगे गए पांच दिन की बजाय दो दिन का पुलिस रिमांड मंजूर किया है।
एडवोकेट रीतु राज ने आरोप लगाया है कि जांच जान-बूझकर लंबी खींची जा रही है। पेशी के बाद मीडिया से बात करते हुए एडवोकेट रीतु राज ने बताया कि यह कार्रवाई 2023 की FIR नंबर 29/16223 से संबंधित है, जो वरिंदर सिंह की शिकायत पर दर्ज हुई थी। उन्होंने कहा कि पिछले तीन वर्षों में इसी FIR के तहत 12 से अधिक गिरफ्तारियां हो चुकी हैं, लेकिन कोई ठोस सबूत या रिकवरी सामने नहीं आई।
रीतु राज ने आरोप लगाया कि पुलिस पांच दिन का रिमांड मांग रही थी, जबकि उनके पास सिर्फ 2000 रुपये और दो मोबाइल फोन की रिकवरी का दावा है। तीन साल में कोई खास खुलासा नहीं हुआ। यह साफ दिखता है कि मामला जान-बूझकर लटकाया जा रहा है।
कानूनी कार्रवाई प्रक्रिया में जारी
दूसरी ओर, डीएसपी गुरविंदर सिंह ने कहा कि 2023 में दर्ज FIR में अगवा करने, मारपीट और साजिश के आरोप हैं। इसमें धारा 365, 379 और 120-B लगाई गई थीं। उन्होंने बताया कि पुलिस पहले भी कई आरोपियों को गिरफ्तार कर चुकी है और अब पप्पलप्रीत और कुलवंत को पेश किया गया है।
डीएसपी ने उम्मीद जताई कि दो दिन के रिमांड के दौरान आरोपियों के मोबाइल फोन और अन्य पहलुओं से महत्वपूर्ण खुलासे हो सकते हैं।
इस दौरान अमृतपाल सिंह के चाचा सुखचैन सिंह ने भी गंभीर आरोप लगाते हुए कहा कि केस को जान-बूझकर लंबा खींचा जा रहा है। उन्होंने कहा कि पहले भी सात-सात दिन के रिमांड लिए गए, कुछ नहीं मिला। सरकार और पुलिस नहीं चाहती कि किसी तरह अमृतपाल सिंह या उनके साथी बाहर आएं।
