चंडीगढ़ । दिहाड़ी-मजदूरी के जरिए आजीविका कमाने वाली मां और ‘ग्रंथी’ पिता की तीन बेटियों ने कठिन परिस्थितियों के बावजूद विश्वविद्यालय अनुदान आयोग-राष्ट्रीय पात्रता परीक्षा (यूजीसी-नेट) उत्तीर्ण कर मिसाल कायम की। रिम्पी कौर (28), हरदीप कौर (23) और बेअंत कौर (26) पंजाब के सबसे कम साक्षर जिले मानसा के बुढलाडा की रहने वाली हैं। तीनों ने अलग-अलग विषयों में राष्ट्रीय पात्रता परीक्षा उत्तीर्ण की है।
कमाल करने वाली तीन बहनें …हम बात कर रहे हैं पंजाब की रहने वाली तीन सगी बहनों की, जिनका नाम रिम्पी कौर (28 साल), बेअंत कौर (26 साल) और हरदीप कौर (23 साल) है. तीनों ने ही देश की कठिन परीक्षाओं में शामिल यूजीसी नेट परीक्षा को एक साथ वो भी पहले प्रयास में पास कर लिया है। उनकी ये सफलता बताती है तीनों बहनें अपने सपने और परिवार के लिए कितनी समर्पण है।
पढ़ाई से गरीबी होगी दूर : तीनों बहने बेहद गरीब परिवार से आती हैं। हालांकि, तीनों बहनों ने घर की तमाम मुश्किलों के बाद भी कभी हार नहीं माना बल्कि हमेशा एक दूसरे को मोटिवेट करके आगे बढ़ती रहीं। बता दें, तीनों ने ही अलग-अलग विषयों में यूजीसी नेट परीक्षा पास की है। बहनों का मानना है कि आपकी पढ़ाई ही आपको गरीबी से बाहर निकाल सकती है।
प्रोफेसर बनना है सभी का सपना :
तीनों बहनों का सपना ही वह कॉलेज में प्रोफेसर के तौर पर बच्चों का पढ़ाएं और अपने घर की गरीबी को दूर करें। जानकारी के अनुसार, रिम्पी ने कंम्यूटर साइंस में इस परीक्षा को पास किया है। वहीं रिम्मी से छोटी बेअंत ने हिस्ट्री और सबसे छोटी हरदीप ने पंजाबी भाषा में इस परीक्षा को पास किया है।
मां करती मजदूरी : जानकारी के अनुसार, इन तीनों बहनों के पिता ग्रंथी हैं। वहीं, उनकी मां मंजीत कौर दिहाड़ी मजदूर करती है, जिसके जरिए ही उनका घर चलता है। परिवार की आर्थिक स्थिति कमजोर होने के बाद भी माता-पिता ने कभी अपनी बेटियों की पढ़ाई में कोई कमी नहीं आने दी और यही वजह है आज वह इस मंजिल तक पहुंच पाई हैं। खास बात ये भी है कि तीनों बहनों ने बिना किसी कोचिंग के इस कठिन परीक्षा को पास किया है।