31 बच्चों को बांटे मुख्यमंत्री सुखाश्रय योजना के तहत DC राघव शर्मा ने पात्रता प्रमाण पत्र

by

सुख आश्रय योजना के तहत जिला में चिन्हित किए गए हैं 182 मामले
ऊना, 22 नवम्बर – मुख्यमंत्री सुखाश्रय योजना के तहत जिला के 182 अनाथ बालक-बालिकाओं के मामलों को चिन्हित किया गया है। चिन्हित किए गए 48 अनाथ बच्चों के मामले आर्थिक सहायता के लिए प्रदेश सरकार को भेजे गए हैं। जिला में सुख आश्रय योजना के तहत स्वीकृत किए गए 13 मामलों में लगभग 9.42 लाख रूपये की राशि अनाथ बच्चों को शिक्षा ग्रहण करने के लिए वितरित की जा चुकी है। यह जानकारी उपायुक्त राघव शर्मा ने खंड ऊना के 31 अनाथ बच्चों को सुख आश्रय योजना के अंतर्गत पात्रता प्रमाण पत्र वितरित करने के उपरांत दी।
राघव शर्मा ने बताया कि मुख्यमंत्री ने पहल करते हुए अनाथ बच्चों को ”चिल्ड्रन ऑफ द स्टेट” का दर्जा दिया है। राघव शर्मा ने बताया कि चिल्ड्रन ऑफ द स्टेट के पात्रता प्रमाण प्रत्र वितरित करने के बाद बच्चों को इस योजना की शर्तों, नियमों तथा योजना से होने वाले लाभ के बारे में भी अवगत करवाया गया है। उन्होंने कहा कि जिला प्रशासन द्वारा जिला के पात्र बच्चों को इस योजना से जोड़ने का पूर्ण प्रयास रहेगा। उन्होंने बताया कि हिमाचल प्रदेश पहला ऐसा राज्य है जहां पर राज्य सरकार दुर्भाग्यवश अनाथ हुए बच्चों की पढ़ाई, गृह निर्माण, कोचिंग तथा अपना स्वरोजगार शुरू करने के लिए अनुदान दे रही है।
उपायुक्त राघव शर्मा ने बताया कि मुख्यमंत्री सुखाश्रय योजना के तहत विवाह अनुदान, कोचिंग अनुदान, उच्च शिक्षा, व्यावसायिक प्रशिक्षण, कौशल विकास और स्वरोज़गार उद्यम इत्यादि विभिन्न लाभ शामिल हैं।
उन्होंने बताया कि प्रदेश सरकार 27 वर्ष की आयु तक इन बच्चों के खाने, आश्रय, भोजन, कपड़ों आदि का खर्च भी वहन करेगी। उन्होंने बताया कि उच्च शिक्षा प्राप्त करने के दौरान इन बच्चों को जेब खर्च के तौर पर 4000 रुपये प्रति माह का स्टाइपंड दिया जाएगा। इन बच्चों को वर्ष में एक बार तीन सितारा होटलों में रहने और हवाई यात्रा की सुविधा के साथ राज्य के भीतर और बाहर भ्रमण के लिए ले जाया जाएगा। योजना के तहत मकान बनाने के लिए भूमिहीन अनाथ बच्चों को तीन बिस्वा भूमि आवंटन सहित आवास अनुदान का भी प्रावधान है।
आवेदन की करने की प्रक्रिया
उपायुक्त ने बताया कि इस योजना का लाभ लेने के लिए प्रार्थी संबंधित बाल विकास परियोजन अधिकारी के माध्यम से आवेदन कर सकते हैं। उन्होंने बताया कि अनाथ बच्चें की पात्रता जिला बाल संरक्षण अधिकारी और जिला कार्यक्रम अधिकारी द्वारा प्रमाणित की जाएगी। इसके उपरांत अनाथ की वरीयता के साथ पूरा मामला संबंधित जिला प्रशासन को आगामी कार्रवाही के लिए भेजे जाएंगे। उन्होंने बताया कि इस योजना का लाभ लेने के लिए आवेदन फॉर्म जिला बाल संरक्षण कार्यालय और क्षेत्र के बाल विकास परियोजना अधिकारी के कार्यालय में उपलब्ध है।
इस मौके जिला कार्यक्रम अधिकारी नरेंद्र कुमार, सीडीपीओ कुलदीप सिंह दयाल सहित अन्य उपस्थित रहे।

Share
  •  
  •  
  •  
  •  
  •  

You may also like

article-image
पंजाब , हिमाचल प्रदेश

हिमाचल में बनीं सात दवाओं समेत देशभर की 50 दवाओं के सैंपल फेल : संक्रमण, उच्च रक्तचाप, मांसपेशियों की कमजोरी, बुखार, अल्सर और खांसी की दवाओं के सैंपल हुए फेल

एएम नाथ। शिमला : हिमाचल में बनीं सात दवाओं समेत देशभर की 50 दवाएं मानकों पर सही नहीं उतरी हैं। मई माह में ड्रग अलर्ट में इसका खुलासा हुआ है। प्रदेश में संक्रमण, उच्च...
article-image
दिल्ली , पंजाब , राष्ट्रीय , हरियाणा , हिमाचल प्रदेश

500 करोड़ रुपए के लेन-देन की बात : केंद्रीय कृषि मंत्री तोमर के बेटे के तीन कथित वीडियो आए साहमने : मनजिंदर सिंह सिरसा का नाम आया, जिससे सिख राजनीति गरमा गई

चंडीगढ़। केंद्रीय कृषि मंत्री नरेंद्र सिंह तोमर के बेटे देवेंद्र प्रताप सिंह तोमर के तीन कथित वीडियो जिसमें 500 करोड़ रुपए के लेन-देन की बात चल रही है के बीच तीसरे वीडियो में जिस...
article-image
दिल्ली , पंजाब , राष्ट्रीय , हरियाणा , हिमाचल प्रदेश

एमपी बनने के बाद अमृतपाल सिंह को क्या मिले विशेष अधिकार…. कितना मिलेगा वेतन?

असम की डिब्रूगढ़ जेल में बंद अमृतपाल सिंह ने सांसद की शपथ ले ली है। अमृतपाल को 23 अप्रैल को अमृतसर से अरेस्ट किया गया था। शपथ के लिए उनको 4 दिन की पैरोल...
article-image
हिमाचल प्रदेश

2 किशोर की मौत : ऊना में Reels बनाते नहर में गिरने से

रोहित जसवाल ।  ऊना : ऊना जिले में एक किशोर रील बनाने की कोशिश में फिसलकर नहर में गिर गया, जबकि उसे बचाने की कोशिश कर रहा उसका दोस्त गिर कर डूब गया।  इस...
Translate »
error: Content is protected !!