अमेरिका की प्राचीन माया सभ्यता के बारे में आप सब ने सुना और पढ़ा जरूर होगा। यह सभ्यता, और ग्वाटेमाला, मैक्सिको, होंडुरास तथा यूकाटन प्रायद्वीप में स्थापित थी। आपको बता दें कि माया मैक्सिको की एक महत्वपूर्ण सभ्यता थी। इस सभ्यता की शुरुआत 1500 ई० पू० में हुई थी। यह सभ्यता 300 ई० से 900 जानकारी के अनुसार माया सभ्यता का अंत 16 वी शताब्दी में हुआ. ये सभ्यता तकरीबन 400 साल पुरानी है। कहा जाता है कि ये सभ्यता अपने समय से काफी आगे थी और इस बात का सबूत हाल ही में मिला है।
400 साल पुरानी मूर्ति में मिला क्यूआर : रिसर्चर्स को एक 400 साल पुरानी मूर्ति मिली है, यह मूर्ति आम मूर्तियों से काफी अलग और अजीब है। बता दें कि ये एक माया सभ्यता के द्वारा बनाई गई मूर्ति है। इस मूर्ति की सबसे अजीब बात ये है कि इसके सिर वाले हिस्से में क्यूआर कोड बना हुआ है। यह क्यूआर ठीक वैसा है जैसा आजकल आप यूपीआई पेमेंट करने के लिए इस्तेमाल करते हैं। इस क्यूआर कोड को देखने के बाद हर कोई हैरान हो रहा है। इस मूर्ति में हाथ-पैर हैं लेकिन सिर वाले हिस्से में क्यूआर कोड उकेरा हुआ है । जिसे देखने से ऐसा लगता है कि उस सभ्यता में भी इसका कोई बेहद अहम इस्तेमाल किया जाता रहा होगा। भारत में पेमेंट करने के लिए क्यूआर कोड का इस्तेमाल पिछले एक दशक में शुरू हुआ है लेकिन इस 400 साल पुरानी सभ्यता के पास ये तकनीक होना एक हैरान करने वाली बात है।
क्या होता है क्यूआर कोड : क्यूआर कोड को समझने के लिए आपको इसका फुल फॉर्म समझना पड़ेगा जिसका मतलब है क्विक रिस्पॉन्स कोड (क्यूआर) जो कि एक खास तरह का बारकोड होता है । जिसमें काफी सारी जानकारियां डिजिटली सुरक्षित होती हैं। इन जानकारियों को डिजिटल डिवाइस द्वारा आसानी से पढ़ा जा सकता है। ये जानकारियां चौकोर आकार के ग्रिड में पिक्सेल की सीरीज के रूप में सुरक्षित होती हैं। क्यूआर कोड का उपयोग अक्सर सप्लाई चेन में उत्पादों के बारे में जानकारी ट्रैक करने के लिए किया जाता है और ज्यादातर तो इसका इस्तेमाल पेमेंट करने में किया जाता है।