पंजाब में गर्मी का प्रकोप बढ़ गया है। सूबे में तापमान ने अप्रैल में ही पुराने कई रिकार्ड तोड़े हैं। प्रदेश में दिन में गर्मी का कहर देखने को मिल रहा है क्योंकि तापमान रिकार्ड स्तर पर पहुंच रहा है।
सोमवार को पंजाब में अधिकतम तापमान 42 डिग्री तक रिकार्ड किया गया है।
ऐसे में अंदाजा लगा सकते हैं कि आने वाले दिनों में गर्मी से लोगों को दो-चार होना पड़ेगा। पंजाब में सोमवार को बठिंडा में हीट वेव का प्रकोप रहा, जिसके चलते यहां का पारा 41.9 डिग्री दर्ज किया गया। मौसम विभाग ने आने वाले तीन दिन भी पंजाब में हीव वेव चलने का यलो अलर्ट जारी कर दिया है।
विभाग के अनुसार इस दौरान अधिकतम तापमान में 2 से 4 डिग्री की वृद्धि की जा सकती है, लेकिन इसके बाद तापमान में 2 से 3 डिग्री की गिरावट दर्ज किए जाने की संभावना है। क्योंकि विभाग ने 10 व 11 अप्रैल को पंजाब में कुछ जगहों पर बारिश के आसार हैं। खास तौर से 10 अप्रैल को मौसम ज्यादा खराब रहेगा। तेज हवाओं के साथ आकाश में बिजली चमकने के साथ बारिश होगी।
सोमवार को पंजाब के अधिकतम तापमान में 1.2 डिग्री की वृद्धि दर्ज की गई। यह सामान्य से 6.2 डिग्री ऊपर हो गया है। पंजाब के न्यूनतम तापमान में 1.3 डिग्री की वृद्धि दर्ज की गई। यह भी सामान्य से 3.5 डिग्री अधिक हो गया है। सबसे कम 17.1 डिग्री का न्यूनतम पारा नवांशहर का दर्ज हुआ।
अमृतसर का अधिकतम तापमान 37.0 डिग्री, लुधियाना का 39.2 डिग्री, पटियाला का 38.6 डिग्री, पठानकोट का 37.0 डिग्री, फरीदकोट का 39.5 डिग्री, फिरोजपुर का 38.0 डिग्री, जालंधर का 37.3 डिग्री पारा दर्ज हुआ। वहीं अमृतसर का न्यूनतम पारा 19.6 डिग्री, लुधियाना का भी 19.6 डिग्री, पटियाला का 20.0 डिग्री, पठानकोट का 17.6 डिग्री, बठिंडा का 19.6 डिग्री दर्ज किया गया।
फसलों और पशुओं का ख्याल रखें किसान:
पीएयू के मौसम विज्ञानियों ने आने वाले दिनों में उत्तर भारत में भीषण गर्मी पड़ने की चेतावनी दी है। पीएयू के कृषि मौसम विज्ञान एवं जलवायु परिवर्तन विभाग की प्रमुख डॉ. पवनीत कौर किंगरा ने बताया कि आने वाले दिनों में ऐसी स्थिति और खराब हो सकती है। फसल प्रबंधन सलाह जारी करते हुए डॉ. किंगरा ने कहा कि हालांकि, समय पर बोई गई रबी की फसलें पकने के करीब पहुंच गई हैं, लेकिन असामान्य रूप से उच्च तापमान के कारण गर्मी के तनाव में वृद्धि के परिणामस्वरूप देर से बोई गई सब्जी और फलों की फसलें पानी की मांग के साथ-साथ हीट शॉक से भी प्रभावित हो सकती हैं। इसके अलावा उन्होंने गर्मी और पानी के तनाव को रोकने के लिए फसलों की उचित निगरानी पर जोर दिया। फसलों को समय-समय पर आवश्यकतानुसार हल्की सिंचाई प्रदान की जानी चाहिए। फलों की फसलों के लिए भी गर्म मौसम असहनीय है।
बागों में उपज के नुकसान से बचने के लिए सिंचाई प्रदान करके उचित नमी बनाए रखी जानी चाहिए। छोटे और कोमल पौधों पर गर्मी के तनाव को कम करने के लिए पुआल की मल्च भी मददगार हो सकती है। पशु प्रबंधन पर विस्तार से बात करते हुए, डॉ. किंगरा ने गर्मी के भार को ध्यान में रखते हुए जानवरों और पालतू जानवरों पर ध्यान देने की आवश्यकता पर भी जोर दिया।
धूप से बचें
पर्याप्त पानी पिएं -हल्के रंग के ढीले सूती कपड़े पहने
अपने सिर को कपड़े, टोपी, छतरी आदि से ढकें
फसलों पर गरमी का असर कम करने के लिए सुबह व शाम सिंचाई करें