नई दिल्ली। केंद्रीय गृह मंत्री अमित शाह ने पुलिस आयुक्त समेत दिल्ली पुलिस के कुछ आला अधिकारियों को गृह मंत्रालय बुलाकर लचर कानून व्यवस्था को लेकर जमकर खिंचाई करते हुए जल्द हालात में सुधार लाने के निर्देश दिए हैं।
उन्होंने आतंकवाद निरोधक दस्ता स्पेशल सेल व क्राइम ब्रांच की कार्यप्रणाली पर गहरी नाराजगी जाहिर करते हुए इन यूनिटों को नए सिरे से मजबूत बनाने पर बल दिया, लेकिन दिल्ली पुलिस के लिए इन यूनिटों को मजबूत बना पाना बड़ी चुनौती होगी। उन्होंने कानून व्यवस्था में सुधार के लिए 45 दिन की मोहलत दी और डेढ़ माह बाद कानून व्यवस्था की समीक्षा करने की बात कही।
राजधानी में बढ़ते अपराध पर अंकुश लगाने के लिए सेल व क्राइम ब्रांच को मजबूत बनाने की जरूरत है तभी गैंगस्टरों के आतंक पर काबू पाया जा सकता है। हाल के महीनों में राजधानी में बेतहाशा बढ़ते अपराध पर राजनीतिक पार्टियों द्वारा सवाल उठाने पर गृह मंत्री ने शुक्रवार को कानून व्यवस्था की समीक्षा के लिए दिली पुलिस के अधिकारियों को गृह मंत्रालय तलब किया था। बैठक में एक विशेष आयुक्त ने जब प्रजेंटेशन देना शुरू किया, तब गृह मंत्री ने कहा कि प्रजेंटेशन देने से काम नहीं चलेगा। दूसरे विशेष आयुक्त ने जब प्रजेंटेशन देना शुरू किया तब गृह मंत्री ने उनकी भी प्रजेंटेशन देखने से मना कर दिया। उन्होंने नाराजगी जाहिर करते हुए कहा कि मुझे सब कुछ पता है कि दिल्ली पुलिस में क्या-क्या हो रहा है।
भ्रष्टाचार चरम सीमा पर : उन्होंने कहा कि भ्रष्टाचार चरम सीमा पर है, सरेआम गोलियां चल रही हैं, गैंगस्टरों में रंगदारी वसूलने की होड़ लगी हुई है। बदमाश अवैध हथियार व चाकू लेकर सड़कों पर घूम रहे हैं, लोग दहशत में जी रहे हैं। उन्होंने तुरंत राजधानी की कानून व्यवस्था में सुधार लाने के निर्देश दिए और 45 दिन बाद रिपोर्ट पेश करने को कहा।
गृह मंत्री के निर्देश के बाद शनिवार को सभी 15 जिले के डीसीपी ने अपने-अपने जिले में सभी थानों के इंस्पेक्टरों की बैठक बुलाई। उन्हें बदमाशों, झपटमारों व ड्रग्स तस्करों समेत अवैध हथियार व चाकू लेकर घूमने वालों की धर पकड़ तेज करने और गैंगवार की घटनाओं पर रोक लगाने के निर्देश दिए।
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