इस फैसले ने एक बार फिर साबित कर दिया कि सरकार गरीब और दबे-कुचले वर्गों के साथ खड़ी है। मुख्यमंत्री ने बैठक में यह ऐलान करते हुए कहा कि बीते बीस वर्षों से इन परिवारों पर कर्ज का बोझ था, जिससे अब उन्हें पूरी तरह राहत दी जाएगी।
सरकारी आंकड़ों के अनुसार, कुल ₹68 करोड़ की बकाया राशि को माफ किया गया है। इस रकम में ₹30 करोड़ मूलधन, ₹23 करोड़ ब्याज और ₹15 करोड़ पेनल्टी शामिल है। ये सारे कर्ज Punjab Scheduled Castes Finance and Development Corporation द्वारा वर्ष 2020 तक जारी किए गए थे। खास बात यह रही कि ये कर्ज बड़े व्यापार के लिए नहीं बल्कि छोटे-मोटे रोजगार, शिक्षा और पारिवारिक ज़रूरतों को पूरा करने के लिए लिए गए थे। इनमें से कई परिवार ऐसे थे जिनके पास अब कमाने वाला भी नहीं बचा।
इस निर्णय से प्रदेश के करीब 4,727 एससी परिवारों को सीधे तौर पर राहत मिलेगी। ये वे परिवार हैं जो या तो गरीबी रेखा के नीचे जीवन यापन कर रहे हैं या फिर विभिन्न कारणों से कर्ज चुका पाने में असमर्थ थे। सरकार ने यह स्पष्ट किया कि इस माफी में उन सभी लोगों को शामिल किया गया है जिन्होंने 31 मार्च 2020 तक PSCFS से कर्ज लिया था। ये ऋण शिक्षा, स्वरोजगार, या छोटे व्यवसायों के लिए लिए गए थे।
मुख्यमंत्री भगवंत मान ने प्रेस को संबोधित करते हुए कहा कि कर्ज लेना किसी का शौक नहीं होता। कोई भी आम इंसान कर्ज इसलिए लेता है क्योंकि उसके पास कोई और रास्ता नहीं बचता। लेकिन जब हालात खराब हो जाते हैं और लोग कर्ज नहीं चुका पाते, तो उन पर सामाजिक और मानसिक बोझ और बढ़ जाता है। ऐसे में सरकार की जिम्मेदारी बनती है कि वह अपने नागरिकों का साथ दे। मुख्यमंत्री ने यह भी दोहराया कि बजट में जो वादा किया गया था, उसे अब हकीकत में बदला गया है।
बैंकों को दी गई सलाह, आने वाले समय में और फैसले
मुख्यमंत्री ने कोऑपरेटिव बैंकों के कामकाज की तारीफ करते हुए कहा कि कुछ जगहों पर, जैसे धूरी में, रिकवरी सिस्टम बेहतर है और वहां के मॉडल को बाकी इलाकों में लागू करने की सलाह दी गई है। सरकार चाहती है कि बैंक भी इस कर्जमाफी के फैसले को सकारात्मक रूप से लें और भविष्य में ऋण प्रक्रिया को पारदर्शी और इंसाफसंगत बनाएं। इसके साथ ही मुख्यमंत्री ने यह संकेत भी दिया कि आने वाले समय में किसानों, श्रमिकों और अन्य वंचित वर्गों के लिए भी ऐसे बड़े फैसले लिए जाएंगे।
मुख्यमंत्री मान ने अपने वक्तव्य में कहा कि पंजाब को एक बार फिर “रंगला पंजाब” बनाना है, जहां हर वर्ग के लोग खुशहाल हों और कोई भी आर्थिक रूप से टूटे नहीं। उन्होंने यह भी कहा कि जिस तरह माला से एक मनका निकाल दिया जाए तो वो अधूरी हो जाती है, उसी तरह समाज का कोई भी वर्ग अगर पीछे रह जाता है, तो विकास अधूरा होता है। इसीलिए, उनकी सरकार हर उस वर्ग के लिए कार्य कर रही है जिसे अब तक नजरअंदाज किया गया।