नई दिल्ली : चुनाव आयोग ने 5 राज्यों के विधानसभा चुनावों का ऐलान कर दिया है। मुख्य चुनाव आयुक्त ने 5 राज्यों के तारीखों का ऐलान किया। मिजोरम 7 नवंबर को 1 फेज में वोटिंग होगी। छत्तीसगढ़ 7 नवंबर और 17 नवंबर को दो फेज में वोटिंग होगी। मध्य प्रदेश में 17 नवंबर को एक फेज में वोटिंग होगी। राजस्थान 23 नवंबर 1 फेज में वोटिंग होगी। तेलंगाना में 30 नवंबर को 1 फेज में वोटिंग होगी। 03 दिसंबर को सभी 5 राज्यों के चुनावी रिजल्ट घोषित किए जाएंगे।
किस राज्य में कब होंगे विधानसभा चुनाव :
मिजोरम– नामांकन पत्र 13 से 20 अक्टूबर तक, नामांकन पत्र जांच 21 अक्टूबर, नामांकन पत्र वापिसी 23 अक्टूबर, 7 नवंबर को वोटिंग और 3 दिसंबर को रिजल्ट
छत्तीसगढ़– नामांकन पत्र 21 से 30 अक्टूबर तक, नामांकन पत्र जांच 31 अक्टूबर, नामांकन पत्र वापिसी 2 नवंबर , 17 नवंबर को वोटिंग, 3 दिसंबर को रिजल्ट
मध्य प्रदेश– नामांकन पत्र 21 से 30 अक्टूबर तक, नामांकन पत्र जांच 31 अक्टूबर, नामांकन पत्र वापिसी 2 नवंबर , 17 नवंबर को वोटिंग और 3 दिसंबर को रिजल्ट
राजस्थान– नामांकन पत्र 30 अक्टूबर से 6 नवंबर तक, नामांकन पत्र जांच 7 नवंबर , नामांकन पत्र वापिसी 9 नवंबर , 23 नवंबर को वोटिंग और 3 दिसंबर को रिजल्ट
तेलंगाना– नामांकन पत्र 3 नवंबर से 10 नवंबर तक, नामांकन पत्र जांच 13 नवंबर , नामांकन पत्र वापिसी 15 नवंबर , 30 नवंबर को वोटिंग और 3 दिसंबर को रिजल्ट
मिजोरम : मिजोरम में 2018 में हुए विधानसभा चुनाव में 10 साल से सत्ता पर बैठी कांग्रेस को हार का सामना करना पड़ा था । यहां मिजो नेशनल फ्रंट ने सरकार बनाई थी । मिजोरम विधानसभा में कुल 40 सीटें हैं. यहां सरकार बनाने के लिए बहुमत का आंकड़ा 21 है ।
मिजोरम में अहम राजनीतिक पार्टियों की बात करें तो कोई एक या दो दल नहीं हैं । यहां सीटें बिखरी रहती हैं. 2018 में हुए मिजो नेशनल फ्रंट ने 26 सीटें जीती थीं, जबकि कांग्रेस ने पांच सीटों पर जीत दर्ज की थी । इसके अलावा जोरम पीपुल्स मूवमेंट 8 सीटों पर और भारतीय जनता पार्टी 1 सीट पर जीती थी ।
मध्य प्रदेश : मध्य प्रदेश विधानसभा में 230 सीटें हैं और यहां सरकार बनाने के लिए बहुमत का आंकड़ा 116 है । मध्य प्रदेश में अहम राजनीतिक पार्टियों में बीजेपी और कांग्रेस का नाम आता है । इस बार आम आदमी पार्टी भी चुनाव लड़ रही है । वहीं बहुजन समाज पार्टी का भी कुछ सीटों पर दबदबा है । 2018 में हुए चुनाव की बात करें तो कांग्रेस पार्टी 114 सीटों के साथ सबसे बड़ी पार्टी बनकर उभरी थी और उसने बीजेपी के 15 साल के शासन को हटाकर सत्ता हासिल की थी । भाजपा को 109 सीटें मिली थीं, लेकिन बाद में ज्योतिरादित्य सिंधिया अपने समर्थक विधायकों के साथ बीजेपी में चले गए । इससे कमलनाथ की सरकार गिर गई और शिवराज सिंह चौहान की अगुवाई में बीजेपी ने सरकार बनाई । अभी सदन में बीजेपी के पास 127, कांग्रेस के पास 96, बसपा के पास 2, सपा के पास 1 और 4 निर्दलीय विधायक हैं ।
छत्तीसगढ़ : छत्तीसगढ़ में 2018 में हुए विधानसभा चुनाव में कांग्रेस ने शानदार जीत दर्ज करते हुए 15 साल से सत्ता में काबिज बीजेपी को बाहर कर दिया था । भूपेश बघेल की अगुवाई में कांग्रेस ने सरकार बनाई थी. छत्तीसगढ़ विधानसभा में कुल 90 सीटें हैं । यहां बहुमत के लिए 46 सीटों की जरूरत होती है छत्तीसगढ़ में बीजेपी और कांग्रेस ही प्रमुख राजनीतिक दल हैं । हालांकि यहां भी आम आदमी पार्टी इस बार चुनाव मैदान में है । इसके अलावा और भी कई दल ताल ठोक रहे हैं । 2018 में हुए विधानसभा चुनाव में कांग्रेस ने 68 सीटों पर जीत दर्ज की थी. बीजेपी को 15 सीटें मिली थीं, जबकि अन्य के खाते में 7 सीटें मिलीं ।
राजस्थान : राजस्थान विधानसभा में 200 सीटें हैं. बहुमत के लिए यहां 101 सीटों की जरूरत होती है । राजस्थान में अभी कांग्रेस की सरकार है । 2018 में उसने 99 सीटों पर जीत दर्ज की थी । दूसरी बड़ी पार्टी बीजेपी है, उसके पास 73 विधायक हैं। 6 विधायकों के साथ बसपा तीसरे नंबर पर थी । हालांकि बाद में बसपा के सभी विधायक कांग्रेस में शामिल हो गए थे । बाद में कुछ सीटों पर उपचुनाव भी हुए जिसमें कांग्रेस को जीत मिली । अब कांग्रेस के पास 108 तो बीजेपी के पास 70 विधायक हैं । रालोपा के पास 3, निर्दलीय विधायक 13 हैं. वहीं बीटीपी और माकपा के पास 2-2 विधायक हैं, जबकि रालोद के पास 1 विधायक है ।
तेलंगाना : तेलंगाना में 2018 में विधानसभा चुनाव में तेलंगाना राष्ट्र समिति (अब भारत राष्ट्र समिति) को 88 सीटों पर जीत मिली थी । के. चंद्रशेखर राव ने यहां सरकार बनाई तेलंगाना विधानसभा में कुल 119 सीटें हैं. यहां सरकार बनाने के लिए बहुमत का आंकड़ा 60 है तेलंगाना में इस बार कांग्रेस और बीआरएस के बीच कड़ी टक्कर बताई जा रही है । हालांकि यहां रेस में बीजेपी भी है । 2018 विधानसभा चुनाव में तेलंगाना राष्ट्र समिति (अब भारत राष्ट्र समिति) को 88 सीटों पर जीत मिली थी । के. चंद्रशेखर राव ने यहां सरकार बनाई । टीआरएस के बाद दूसरी सबसे बड़ी पार्टी कांग्रेस थी, जिसके खाते में 19 सीटें थीं. भारतीय जनता पार्टी महज एक सीट पर ही जीत हासिल कर पाई थी। असदुद्दीन ओवैसी की एआईएमआईएम को 7 सीटें मिली थीं, जबकि तेलुगु देशम ने 2 सीटों पर जीत दर्ज की थी । इस बार तेलुगु देशम पार्टी ने पवन कल्याण की पार्टी जनसेना के साथ गठबंधन किया है ।